ED Investigation: आज के समय में ईडी की चर्चा हर ओर है। ईडी मतलब प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate)। ईडी एक कानून प्रवर्तन एजेंसी और आर्थिक खुफिया एजेंसी है। जो भारत में आर्थिक कानूनों को लागू करने और इससे संबंधित अपराधों को पकड़ने के लिए बनाई गई है।
आज की तारीख में ईडी कई हाईप्रोफइल मामलों की जांच कर रही है। हाल ये है कि ईडी का नाम सुनते ही आरोपियों के पसीने छुट जाते हैं। कहा जाता है कि ईडी अरोपियों के इर्द-गिर्द ऐसी जाल बुनती है कि आरोपी उसमें फंस के रह जाते हैं और सच्चाई उगल देते हैं। तो आइए जानते हैं कि ईडी किस तरह से पूछताछ करती है?
पहले जांच और समन
ईडी के पास जब कोई मामला आता है या उसे किसी अपराध का पता चलता है, तो पहले वो रेड से लेकर आरोपी के खिलाफ सबूत जुटाती है। रेड और जांच के दौरान जब ईडी को सबूत मिल जाते हैं, तब पूछताछ के लिए समन भेजा जाता है।
पूछताछ का चक्रव्यूह
जैसे ही ईडी का समन आरोपी को मिलता है, उसकी हालत खराब होने लगती है। रिपोर्टों से अनुसार ईडी के अधिकारी के पास जब वो पूछताछ के लिए पहुंचता है तो वहां सबकुछ नॉर्मल दिखता है, लेकिन जब सवालों की बौछार शुरू होती है, तो पसीने छूटने लगते हैं। सवाल दर सवाल, घुमा फिराकर एक ही बात, कई तरीके से और कई एंगल से पूछे जाते हैं। न चाहते हुए भी आरोपी कभी-कभी सच बोल ही देता है और अगर नहीं बोलता है तो फिर उससे कई दिनों तक लगातार पूछताछ की जाती है।
कई घंटों का खेल
ईडी के मामलों में ज्यादातर आरोपी हाईप्रोफाइल होते हैं। पूछताछ से पहले वकील उन्हें सलाह दे चुके होते हैं। उन्हें मानसिक रूप से पूछताछ के लिए तैयार कर चुके होते हैं, लेकिन ईडी के अधिकारी भी तो कम नहीं होते हैं, जबतक सच्चाई पता नहीं चलती, उनसे कई घंटे और कई दिनों तक पूछताछ चलते रहती है। मतलब आरोपी को चैन से जीने नहीं देती है। आरोपी से अगर सही जवाब नहीं मिलता है तो वो पूछताछ छोड़ देती है, उन्हें जाने देते हैं, जाते-जाते अगले दिन की पूछताछ के लिए समन दे देती है। मतलब अगले दिन फिर से आरोपी से पूछताछ होगी। ये सिलसिला कई दिनों तक चलता है।
तोड़ देती है मनोबल
ईडी के अधिकारी इस तरह से पूछताछ करते हैं कि आरोपी का मनोबल ही टूट जाता है। कभी डांट तो कभी कानून से डराकर, कभी सबूतों को सामने रखकर...ईडी के अधिकारी कुछ इसी तरह से पूछताछ करते हैं। कभी- कभी तो ऐसे ब्लफ खेलते हैं कि आरोपी डर के मारे सबकुछ उगल देता है।
बता दें कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार ईडी ने 31 मार्च 2022 तक पीएमएलए के तहत 5,422 मामले दर्ज किए हैं। लगभग 1,04,702 करोड़ रुपये या संपत्ति की जब्ती कर चुकी है। 992 मामलों में चार्जशीट दायर की चुकी है और 23 आरोपियों को दोषी ठहराया जा चुका है।
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