पटना (बिहार) : प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा के आरोपों पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि मैं कुछ भी नहीं बनना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि जो लोग कहते हैं कि मैंने बीजेपी से गठबंधन इसलिए तोड़ लिया क्योंकि मैं कुछ बनना चाहता हूं, मैं कुछ नहीं बनना चाहता। उन्होंने कहा कि मैं 2020 के चुनाव के बाद सीएम बनने के लिए तैयार नहीं था। मैंने कहा था कि आपने (बीजेपी) अधिक सीटें जीती हैं, सीएम आपकी पार्टी से होना चाहिए। मुझ पर सीएम बनने के लिए बहुत दबाव डाला गया। आखिर में मैं बनने के लिए तैयार हो गया।
सीएम नीतीश कुमार ने आगे आरोप लगाया कि प्रेस और सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार का नियंत्रण है। उन्होंने कहा कि 2017 में, जब मैंने पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा देने की मांग की, तो किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। अब आप (केंद्र सरकार) अपने काम का प्रचार करने के लिए ऐसा ही करेंगे। सोशल मीडिया और प्रेस पर उनका नियंत्रण है। हर कोई केवल केंद्र के काम पर चर्चा कर रहा है।
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के सीनियर नेता तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजनीतिक विश्वसनीयता खो दी है। प्रसाद ने राज्य में नई महागठबंधन सरकार द्वारा विधानसभा में लाए गए विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने नीतीश के अपने दम पर मुख्यमंत्री बनने की क्षमता नहीं होने के बावजूद उनकी प्रधानमंत्री बनने की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को लेकर भी उन पर कटाक्ष किया। प्रसाद ने कहा कि अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को लेकर ही उन्होंने पहले 2013 में और फिर 9 साल बाद बीजेपी का साथ छोड़ दिया।
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उन्होंने आरोप लगाया कि वह मुख्यमंत्री बने रहते हैं, लेकिन उपमुख्यमंत्री बदलते रहते हैं। वह एक ऐसे बल्लेबाज की तरह हैं जो खुद पिच पर बने रहने के लिए दूसरों को रन आउट कराने को तैयार रहते हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को याद रखना चाहिए कि उसके अध्यक्ष लालू प्रसाद ने उनकी तुलना सांप से की थी जो अपना केंचुली छोड़ता है। तारकिशोर प्रसाद ने यह भी दावा किया कि राजद के सत्ता में आने के बाद से अपराध दर में वृद्धि हुई है। उन्होंने हैरानी जताते हुए सवाल किया कि क्या आरजेडी के शीर्ष नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप अब कोई मायने नहीं रखते। उन्होंने दावा किया कि 2014 के लोकसभा चुनावों के पांच साल बाद 2019 के आमचुनाव में केवल पीएम मोदी की वजह से राज्य में जदयू की सीट संख्या बढ़ कर 16 पहुंची।
उल्लेखनीय है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार में जदयू को महज दो सीट पर जीत मिली थी। प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं, हालांकि मुख्यमंत्री के रूप में यह उनकी आखिरी पारी हो सकती है। उन्होंने राजनीतिक विश्वसनीयता खो दी है।
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