भारतीय वायु सेना की फ्लाइट लेफ्टिनेंट स्वाति राठौर कल यानी 26 जनवरी को दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में फ्लाईपास्ट का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बनकर इतिहास रचने वाली हैं।
राजस्थान के नागौर जिले के एक छोटे से गांव से आने वाली स्वाति ने अपनी स्कूली शिक्षा अजमेर से पूरी की। कम उम्र से पायलट बनने का सपना देखते हुए स्वाति को 2014 में अपने पहले प्रयास में भारतीय वायुसेना में चुना गया था, जबकि उनके भाई मर्चेंट नेवी में तैनात हैं। 2013 में स्वाति वायु सेना कॉमन एडमिशन टेस्ट दिया। इसे पास करने के बाद उन्हें मार्च 2014 में वायु सेना चयन बोर्ड, देहरादून में इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था।
देशभर से 200 महिला छात्रों में से केवल 98 को स्क्रीनिंग के लिए चुना गया था। स्क्रीनिंग के बाद केवल पांच छात्राएं बचीं, जिसमें से केवल उन्हें फ्लाइंग ब्रांच के लिए चुना गया था।
नेताओं ने की सराहना
स्वाति की उपलब्धि की उनके परिवार और राज्य के नेताओं सहित सभी ने सराहना की। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर कहा, 'हम सभी के लिए गर्व का विषय है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर होने वाली परेड में वीरभूमि राजस्थान की बेटी और वायुसेना की फ्लाइट लेफ्टिनेंट स्वाति राठौर 'फ्लाई पास्ट' का नेतृत्व करेंगी। मैं उनके उज्जवल भविष्य की कामना करती हूँ!'
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी युवा पायलट की प्रशंसा की और कहा कि उनका पराक्रम महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा, 'भारतीय वायु सेना की फ्लाइट लेफ्टिनेंट स्वाति राठौर को मेरी शुभकामनाएं, जो इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में फ्लाईपास्ट का नेतृत्व करने वाली पहली महिला होंगी। इस उपलब्धि से उन्होंने न केवल राज्य का गौरव बढ़ाया है, बल्कि महिला सशक्तीकरण का एक अनूठा उदाहरण भी स्थापित किया है।'
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