नई दिल्ली: ऐसे समय में जब यह संदेह है कि चीन और पाकिस्तान दोनों भारत के खिलाफ एक साथ आ सकते हैं, ऐसे में भारतीय वायु सेना भी पूरी तरह से तैयार है। वायुसेना ने शुक्रवार को कहा कि वह दोनों मोर्चों पर एक साथ संचालन के लिए तैयार है। वायुसेना का फॉरवर्ड एयरबेस जहां से पाकिस्तान करीब 50 किलोमीटर दूर हैं और रणनीतिक दौलत बेग ओल्डी लगभग 80 किलोमीटर है वहां दिन और रात दोनों समय के लिए लड़ाकू, परिवहन विमान और हेलीकॉप्टर तैयार और दोनों पर पैनी नजर रखे हुए हैं।
दिन और रात में उड़ाने के लिए तैयार हैं लड़ाकू विमान
रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एयरबेस जो श्योक नदी के साथ खार-डूंग के पास है वहां सुखोई -30 एमकेआई और सी -130 जे सुपर हरक्यूलिस, आईयूशिन -76 और एंटोन -32 सहित ट्रांसपोर्ट विमानों का संचालन हो रहा है। चीन के साथ चल रहे संघर्ष के मद्देनजर, लड़ाकू विमान दिन और रात दोनों एयरबेस के बाहर और अंदर उड़ान भर रहे हैं और परिवहन विमान लगातार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थित ठिकानों में सैनिकों के लिए राशन और गोला-बारूद की आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं।
हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं वायुसेना
पाकिस्तान का स्कार्दू एयरबेस भी यहां से नजदीक है जहां से चीन और पाकिस्तान के साथ आने की संभावना है। इस खतरे की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, भारतीय वायु सेना के फ्लाइट लेफ्टिनेंट रैंक के एक पायलट ने बताया, 'आधुनिक प्लेटफॉर्म के कारण, भारतीय वायुसेना पूरी तरह से प्रशिक्षित है और किसी भी ऑपरेशन को करने के दोनों मोर्चों से तैयार है। हम पूरी तरह से प्रशिक्षित और उच्च प्रेरित हैं। हम भारतीय वायुसेना के आदर्श वाक्य - 'टच द स्काई विथ ग्लोरी' को जीते हैं।'
वायुसेना की क्षमता में हुई बढ़ोत्तरी
इन कठिन इलाकों में रात के संचालन की भारतीय वायुसेना की क्षमता के बारे में बताते हुए फायटर पायलट ने कहा, वर्तमान में हमारी युद्ध क्षमता इतनी बढ़ गई है कि हम फॉरवर्ड बेस से रात में भी सभी प्रकार के मिशन करने में सक्षम हैं। इससे पहले, जून में, गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में स्थित स्कार्दू एयरबेस में चीनी रिफ्यूलर विमान को उड़ान भरते हुए देखा गया था। श्योक नदी के तट पर स्थित सामरिक एयरबेस को दिन और रात के संचालन के लिए अपग्रेड किया गया है। भारत और चीन के बीच एक हिंसक झड़प में दोनों ओर से कई सैनिकों की मौत हुई थी। गलवान नदी भी श्योक नदी में विलीन हो जाती है, जो पाकिस्तान में जाने से पहले पूर्वी लद्दाख से पश्चिमी लद्दाख तक बहती है।
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