नई दिल्ली: 5 फरवरी से डिफेंस एक्सपो 2020 उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुरु होने जा रहा है। इस दौरान देश और दुनिया के दिग्गज हथियार निर्माता कंपनियां सेनाओं के इस्तेमाल में आने वाली आधुनिक तकनीक का प्रदर्शन करेंगीं और भारत को खरीद के लिए लुभाने की कोशिश करेगीं। भारत का तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमान डिफेंस एक्सपो 2020 के सबसे बड़े आकर्षणों में से एक होगा। भारतीय वायुसेना हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 82 स्वदेशी लड़ाकू विमान की डील 40 हजार करोड़ रुपए कीमत में साइन करने जा रही है।
यह किसी भी स्वदेशी रक्षा खरीद के क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी डील होने जा रही है। इससे पहले तेजस की ज्यादा कीमत की वजह से यह डील रुकी थी और इसके लिए 50,025 करोड़ रुपए की रकम पर बात हो रही थी लेकिन रक्षा मंत्रालय के नेतृत्व में लगाातर बातचीत के बाद 10 हजार करोड़ रुपए रुपए कम में इस डील को करने पर सहमति बन चुकी है।
तीन दशक की कड़ी मेहनत के बाद भारतीय वैज्ञानिकों ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस को विकसित किया है और यह वायुसेना में पहले ही शामिल हो चुका है। 'फ्लाइंग डेगर्स' नाम से भारतीय वायुसेना में इसकी पहली स्क्वाड्रन शुरु की गई थी जोकि प्रारंभिक ऑपरेशन क्लीयरेंस वाले विमान थे इसके बाद फाइनल ऑपरेशन क्लीयरेंस वाले विमान की दूसरी स्क्वाड्रन मिलने की प्रक्रिया चल रही है।
तेजस मार्क 1-ए: मौजूदा समय में वायुसेना में शामिल तेजस की अपेक्षा तेजस मार्क-1ए ज्यादा आधुनिक लड़ाकू विमान होंगे। भारतीय वायुसेना की मांग पर कुछ बदलाव के साथ इस वर्जन को विकसित किया जा रहा है। इसमें नए रडार के साथ अन्य कई आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे जो तेजस की ताकत को बढ़ाने का काम करेंगे।
तेजस मार्क 1-ए को सर्विसबिलिटी, तेज हथियार-लोडिंग, बचाव की बेहतर व्यवस्था, बेहतर इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट और सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक स्कैन एरे (एईएसए) रडार से लैस किया जाएगा।
तेजस लड़ाकू विमान का मुख्य काम देश की सीमाओं में घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करना होगा। विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान ने इसी तरह का मिशन करते हुए पाकिस्तान के एफ-16 को अपने मिग-21 विमान से मार गिराया था।
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