बेंगलुरु : कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी बीएम विजय शंकर के अपने आवास पर मृत पाए जाने के बाद यहां प्रशासनिक हलके में हड़कंप मच गया है। करोड़ों रुपये के आईएमए पोंजी घोटाले में रिश्वत के आरोपी विजय शंकर का शव दक्षिण बेंगलुरु के जयानगर स्थित उनके आवास पर मिला। उनके घर में पत्नी और दो बेटियां हैं, जो इस घटना से गहरे सदमे में हैं।
विजय शंकर (59) पर आईएमए पोंजी घोटाले पर पर्दा डालने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है। इस मामले में उन्हें निलंबित भी कर दिया गया था। करीब 4,000 करोड़ रुपये के इस बड़े घोटाले में सीबीआई विजय शंकर के खिलाफ मुकदमा चलाना चाहती थी। लेकिन अब उनकी इस तरह मौत से हर कोई सकते में है। माना जा रहा है कि उन्होंने खुदकुशी की है, हालांकि इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है।
कर्नाटक में करोड़ों रुपये के इस पोंजी घोटाले में जांच को लेकर एक साल पहले ही विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था। तब कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) की गठबंधन सरकार थी और एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री थे। SIT ने इस मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया था। हालांकि बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया। बाद में कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा की अगुवाई में बीजेपी की सरकार बनने के बाद मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया दिया गया था।
बताया जा रहा है कि जांच एजेंसी ने हाल ही में इस मामले में शंकर और दो अन्य आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी थी। यहां पोंजी स्कीम की शुरुआत 2013 में की गई थी। मोहम्मद मंसूर खान नाम के शख्स ने यहां बड़ी रकम वापस करने का वादा कर पोंजी स्कीम की शुरुआत की थी और यह मामला उसी से जुड़ा है।
बेंगलुरु शहरी जिले के पूर्व उपायुक्त विजय शंकर के बारे में बताया जा रहा है कि वह मंगलवार को भी एक रिव्यू मीटिंग में शामिल हुए थे और तब उनके चेहरे पर कोई तनाव नहीं देखा गया था। वह शाम को अपने घर लौट गए और शाम करीब 7:30 बजे अपने कमरे में चले गए। काफी देर तक जब वह नहीं निकले तो उनकी पत्नी उन्हें देखने गईं, जहां के दृश्य देखकर उनके होश उड़ गए।
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