IAS Vijay Shankar: IMA पोंजी घोटाले में रिश्‍वत के आरोपी IAS अफसर का शव घर में मिला, जानें क्‍या है पूरा मामला

IAS Vijay Shankar/IMA scam: कर्नाटक में करोड़ों रुपये के पोंजी घोटाले में रिश्‍वत के आरोपी आईएएस अधिकारी विजय शंकर का शव उनके घर में मिला है।

 IMA पोंजी घोटाले में रिश्‍वत के आरोपी IAS अफसर का शव घर में मिला, जानें क्‍या है पूरा मामला
IMA पोंजी घोटाले में रिश्‍वत के आरोपी IAS अफसर का शव घर में मिला, जानें क्‍या है पूरा मामला  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • आईएमए पोंजी घोटाला करीब 4,000 करोड़ रुपये का है, जिसकी शुरुआत 2013 में हुई थी
  • आरोप है कि आईएएस अफसर विजय शंकर ने इस पर पर्दा डालने के लिए रिश्वत लिए थे
  • CBI ने कर्नाटक सरकार से विजय शंकर के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी

बेंगलुरु : कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी बीएम विजय शंकर के अपने आवास पर मृत पाए जाने के बाद यहां प्रशासनिक हलके में हड़कंप मच गया है। करोड़ों रुपये के आईएमए पोंजी घोटाले में रिश्‍वत के आरोपी विजय शंकर का शव दक्षिण बेंगलुरु के जयानगर स्थित उनके आवास पर मिला। उनके घर में पत्‍नी और दो बेटियां हैं, जो इस घटना से गहरे सदमे में हैं।

करोड़ों रुपये का है IMA पोंजी घोटाला

विजय शंकर (59) पर आईएमए पोंजी घोटाले पर पर्दा डालने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है। इस मामले में उन्‍हें निलंबित भी कर दिया गया था। करीब 4,000 करोड़ रुपये के इस बड़े घोटाले में  सीबीआई विजय शंकर के खिलाफ मुकदमा चलाना चाहती थी। लेकिन अब उनकी इस तरह मौत से हर कोई सकते में है। माना जा रहा है कि उन्‍होंने खुदकुशी की है, हालांकि इस बारे में कोई पुख्‍ता जानकारी सामने नहीं आई है।

एक साल पहले हुआ था SIT का गठन

कर्नाटक में करोड़ों रुपये के इस पोंजी घोटाले में जांच को लेकर एक साल पहले ही विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था। तब कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (सेक्‍युलर) की गठबंधन सरकार थी और एचडी कुमारस्वामी मुख्‍यमंत्री थे। SIT ने इस मामले में उन्‍हें गिरफ्तार भी किया था। हालांकि बाद में उन्‍हें जमानत पर छोड़ दिया गया। बाद में कर्नाटक में बीएस येदियुरप्‍पा की अगुवाई में बीजेपी की सरकार बनने के बाद मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया दिया गया था।

2013 का है मामला, CBI ने मांगी थी मंजूरी

बताया जा रहा है कि जांच एजेंसी ने हाल ही में इस मामले में शंकर और दो अन्य आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी थी। यहां पोंजी स्‍कीम की शुरुआत 2013 में की गई थी। मोहम्मद मंसूर खान नाम के शख्‍स ने यहां बड़ी रकम वापस करने का वादा कर पोंजी स्कीम की शुरुआत की थी और यह मामला उसी से जुड़ा है।

घर में मिला शव

बेंगलुरु शहरी जिले के पूर्व उपायुक्त विजय शंकर के बारे में बताया जा रहा है कि वह मंगलवार को भी एक रिव्‍यू मीटिंग में शामिल हुए थे और तब उनके चेहरे पर कोई तनाव नहीं देखा गया था। वह शाम को अपने घर लौट गए और शाम करीब 7:30 बजे अपने कमरे में चले गए। काफी देर तक जब वह नहीं निकले तो उनकी पत्‍नी उन्‍हें देखने गईं, जहां के दृश्‍य देखकर उनके होश उड़ गए। 

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