नई दिल्ली: जोखिम का अधिक सामना करने वाले पुलिसकर्मियों को कोविड-19 टीके की दो खुराक देने से डेल्टा वैरिएंट के कारण दूसरी लहर में कोरोना वायरस से 95 प्रतिशत मौत रोकने में सफलता मिली है। यह जानकारी आईसीएमआर के अध्ययन में सामने आई। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के. पॉल ने यह अध्ययन पेश किया जिसे तमिलनाडु में कराया गया था। कोविड-19 से होने वाली मौत को रोकने में टीके की प्रभाव क्षमता पता लगाने के लिए यह अध्ययन कराया गया था।
1,17,524 पुलिसकर्मियों पर किया गया अध्ययन
करीब 1,17,524 पुलिसकर्मियों पर अध्ययन किया गया जिनमें से 17,059 को टीका नहीं लगा था जबकि 32,792 को टीके की एक खुराक और 67,673 पुलिसकर्मियों को टीके की दोनों खुराक लग चुकी थी। अध्ययन में पता चला कि टीका नहीं लगवाने वाले पुलिसकर्मियों में कोविड-19 के कारण मौत की संख्या 20 थी, जबकि एक खुराक लेने वालों में यह संख्या सात थी और दूसरी खुराक लेने वालों में यह संख्या चार थी।
95 फीसदी मौते रोकने में कामयाब
साथ ही जिन पुलिसकर्मियों ने टीके की पहली खुराक ली थी उनमें टीके की प्रभाव क्षमता 82 प्रतिशत थी और दोनों खुराक लेने वालों में यह 95 प्रतिशत थी। अध्ययन में कहा गया, ‘अधिक जोखिम वाले पुलिसकर्मियों को कोविड-19 टीके की दोनों खुराक देने से डेल्टा वैरिएंट के कारण आई दूसरी लहर में कोरोना वायरस से 95 फीसदी मौत रोकने में सफलता मिली।’ अध्ययन के मुताबिक, ‘टीका नहीं लेने वालों में प्रति एक हजार पर मौत का आंकड़ा 1.17, आंशिक रूप से टीकाकरण कराने वालों में 0.21 फीसदी और पूरी तरह टीकाकरण कराने वालों में यह 0.06 फीसदी था।’
टीका प्रभावी और सुरक्षित
पॉल ने अध्ययन को साझा करते हुए कहा कि गंभीर संक्रमण से बचने में कोविड-19 का टीका काफी महत्वपूर्ण है। पॉल ने कहा, ‘हम कहना चाहते हैं कि हमारा टीका प्रभावी है और काफी सुरक्षित है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं को भी इसे लेना चाहिए। कैंसर एवं मधुमेह पीड़ित रोगियों को इसकी ज्यादा जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ टीका ही नहीं लेना चाहिए बल्कि संक्रमण रोकने के लिए मास्क लगाना भी जरूरी है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।