जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अगर मस्जिदों को दूर करने से लाल किला या कुतुब मीनार को ले लेने से बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि और गरीबी जैसे समाधान में मदद मिल सकता हो तो वो इस देश के मुसलमानों से आग्रह करूंगी कि जो कुछ भी वे चाहते हैं ले लें।श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुफ्ती ने कहा कि अगर वे मस्जिदों को हटाना चाहते हैं तो उन्हें करने दें। लेकिन उन्हें हिंसा की वजह ना बनने दें। वे लोग यही चाहते हैं।
मसलों को सुलझाने के लिए मस्जिदों को दे दो
मुफ्ती मंगलवार को कुतुब मीनार का नाम बदलकर विष्णु स्तंभ करने की मांग को लेकर हिंदू संगठन महाकाल मानव सेवा के सदस्यों द्वारा कुतुब मीनार के पास धरना प्रदर्शन करने का जिक्र कर रहे थे।देश के कुछ हिस्सों में मुसलमानों के घरों में बुलडोजर गिराए जाने की हालिया घटनाओं पर बोलते हुए मुफ्ती ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस तरह से अल्पसंख्यकों पर हमला किया जा रहा है, उनके घरों को बुलडोजर बनाया जा रहा है। न्यायपालिका ऐसी घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेने के लिए आगे नहीं आ रही है।
राजद्रोह कानून पर बीजेपी पर निशाना
उन्होंने लोगों से देश की हिंदू-मुस्लिम एकता को नष्ट नहीं करने का आग्रह किया।मुफ्ती ने देशद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अगर कोई छात्र, कार्यकर्ता या राजनेता बोलता है तो उनके खिलाफ देशद्रोह कानून का इस्तेमाल किया जाता है। अगर हमारा देश छात्रों, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों पर देशद्रोह के आरोप लगाता रहा। हमारी स्थिति श्रीलंका से भी बदतर हो जाएगी। उम्मीद है कि भाजपा श्रीलंका से सबक सीखेगी और सांप्रदायिक तनाव, बहुसंख्यकवाद को रोकेगी।
महबूबा ने श्रीलंका का उदाहरण किया पेश
श्रीलंका में जो हुआ वह एक वेक-अप कॉल के रूप में काम करना चाहिए। 2014 के बाद से, भारत को एक सांप्रदायिक उन्माद और काल्पनिक भय में कोड़ा जा रहा है। यह अति-राष्ट्रवाद और धार्मिक बहुसंख्यकवाद के उसी रास्ते पर चल रहा है। सभी सामाजिक एकता और आर्थिक सुरक्षा को भंग करने की कीमत पर। मुफ्ती ने मंगलवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में एएसआई संरक्षित स्थल पर पूजा करने के लिए नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने के बाद भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इसलिए ध्यान भटकाने के लिए लोगों को मुसलमानों के पीछे भेजा जा रहा है। इसमें मस्जिद ताजमहल और दूसरे स्मारक शामिल हैं। देश को लूट कर भाग गए लोगों से पैसे वापस लेने के बजाय वे मुगल काल के दौरान बनी संपत्तियों पर राजनीति कर रहे हैं।
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