नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ देशभर में टीकाकरण जारी है। अभी तक कोरोना वैक्सीन की 8 करोड़ 70 लाख से ज्यादा खुराकें दी जा चुकी हैं। देश में कोविशील्ड और कोवैक्सीन दी जा रही हैं। दोनों की 2-2 खुराकें दी जा रही हैं। कोविशील्ड की दूसरी खुराक 6 हफ्तों के बाद ली जा सकती है। जबकि कोवैक्सीन की पहली और दूसरी खुराक के बीच 28 दिन का अंतराल है।
ऐसे में ये समझना जरूरी है कि पहली खुराक के बाद ही आपके शरीर में एंटीबॉडी नहीं बनती है। दरअसल, दूसरी डोज के 15 दिन बाद वायरस से लड़ने की क्षमता बनती है। ऐसे में वैक्सीन लगने के बाद भी कई दिनों तक पूरी तरह सावधानी बरतना जरूरी है।
डॉक्टर के परामर्श से लगवाएं दूसरी डोज
अब सवाल उठता है कि अगर पहली डोज के बाद कोरोना हो जाए तो दूसरी डोज ले सकते हैं या नहीं? 'आकाशवाणी समाचार' के अनुसार, चंडीगढ़ के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की प्रो. डॉ. जसविंदर कौर ने कहा कि पहली डोज के बाद अगर कोरोना हो गया है तो पहले उसका इलाज यानी कोरोना से ठीक होना है। उसके बाद जब रिपोर्ट नेगेटिव आए और डॉक्टर से परामर्श के बाद दूसरी डोज ले सकते हैं।
कोरोना की कौनसी वैक्सीन ठीक?
कोरोना की कौन सी वैक्सीन लगवाई जाए? इसके जवाब में डॉ. जसविंदर कौर ने कहा, 'दोनों ही कोरोना वैक्सीन की इफेक्टिवनेस करीब 100 प्रतिशत है। जहां तक अच्छी वैक्सीन की बात है, जो भी रिसर्च होती हैं वो अलग-अलग विषयों पर होती है, किसी में कोविशील्ड अच्छी पाई जाती है तो किसी में कोवैक्सीन बेहतर पाई जाती है। लेकिन ये साफ है कि दोनों ही वैक्सीन में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बन जाती हैं।'
उन्होंने आगे कहा कि वायरस से लड़ने के लिए यानि वैक्सीन लेने के बाद मास्क, सुरक्षित दूरी और हाथ साफ नहीं करेंगे तो कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावना बनी रह सकती है।
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