Rafale fighter plane: अंबाला में मौसम रहा खराब तो इस जगह राफेल विमानों की हो सकती है लैंडिंग, प्लान बी तैयार

देश
ललित राय
Updated Jul 29, 2020 | 09:09 IST

Ambala airbase: अंबाला में राफेल विमान लैंड करेंगे। फिलहाल वहां का मौसम खराब है, अगर मौसम खराब रहा तो प्लान बी के तहत राफेल विमानों की लैंडिंग जोधपुर बेस पर कराई जा सकती है।

 Rafale fighter plane: अंबाला में मौसम रहा खराब तो इस जगह राफेल विमानों की हो सकती है लैंडिंग, प्लान बी तैयार
पांच राफेल विमानों का पहला बैच भारतीय वायुसेना में होगा शामिल 
मुख्य बातें
  • पांच विमानों का पहला बैच भारतीय वायुसेना में होगा शामिल
  • 18 साल बाद अत्याधुनिक लड़ाकू विमान को भारतीय वायुसेना में किया जा रहा है शामिल
  • चीन और पाकिस्तान पर दबाव बनाने में इन विमानों की भूमिका महत्वपूर्ण

नई दिल्ली। आज का दिन न केवल भारतीय वायुसेना के लिए महत्वपूर्ण दिन है, बल्कि भारतीय सैन्य इतिहास में इसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा। राफेल विमान आज भारत की सरजमीं पर उतरेंगे और उनके लिए अंबाला एयरबेस को तय किया गया है। लेकिन वहां मौसम थोड़ा खराब है। बताया जा रहा है कि करीब 2 बजे राफेल आंधी की तरह एयरबेस को छूएंगे। अगर उस वक्त तक मौसम साफ नहीं होता है तो प्लान बी भी तैयार है। उस केस में जोधपुर एयरबेस पर राफेल लड़ाकू विमानों की लैंडिंग कराई जा सकती है।  राफेल सिर्फ लड़ाकू विमान ही नहीं है बल्कि उसका महत्व यह भी है कि भारत राजनीतिक और सैन्य दोनों दृष्टि से फैसला करने में सक्षम है।

इसलिए जरूरी है राफेल विमान
राफेल रक्षा सौदे से जुड़े रहे एयर मार्शल नांबियार ने बताया कि यह हमारे लिए क्यों जरूरी है। वो कहते हैं कि किसी भी फौज में साजोसामान के साथ यह भी जरूरी है कि हम उसका उपयोग कैसे करते हैं। भारतीय पायलटों ने समय समय पर अपनी काबिलियत दिखाई है। अगर काबिलियत के साथ बेहतर संसाधन हो तो निश्चित तौर हम बेहतर ढंग से लड़ाई लड़ सकते हैं। भारतीय फौज चाहे वो चीन हो या पाकिस्तान दोनों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। रक्षा जानकारों का कहना था कि अगर अंबाला में मौसम खराब रहता है को जोधपुर में लैंडिंग कराई जा सकती है। हालांकि जोधपुर एयरबेस की तरफ से इस जानकारी की पुष्टि नहीं की गई है। 

गेमचेंजर साबित होगा राफेल
जानकारों का कहना है कि अगर आप राफेल की खासियत देखें तो वो जे-16 जे -17 से काफी बेहतर है। बड़ी बात यह है कि स्पीड और सटीक निशाना लगाने में इसकी सानी नहीं है। राफेल विमानों से भारत की मारक क्षमता में इजाफा होगा। चीन और पाकिस्तान दोनों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके साथ सुखोई 30 एमकेआई और इसका कांबिनेशन किसी भी बाजी को पलट देगा। अगर एक शब्द में कहें तो राफेल विमानों का वायुसेना में शामिल होना गेमचेंजर होगा। 

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