'बाबा रामदेव पर दर्ज हो 'देशद्रोह का केस',IMA ने PM मोदी को चिट्ठी लिखकर की मांग

देश
रवि वैश्य
Updated May 26, 2021 | 17:45 IST

IMA write a letter to PM Modi: बाबा रामदेव और डॉक्टरों के बीच जारी विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है इस बारे में अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पीएम मोदी को लेटर लिखा है।

ima write a letter to PM Modi Misinformation campaign on vaccination by Baba Ramdev
बाबा रामदेव बनाम आईएमए 
मुख्य बातें
  • IMA ने मांग की है कि उनके खिलाफ देशद्रोह का मामल दर्ज किया जाए
  • क्योंकि उन्होंने कोरोना टीका को लेकर भ्रामक और गलत बयान दिए हैं
  • उन्होंने ऐलोपैथी और डॉक्टरों को लेकर भी ऐसे बयान दिए हैं जो सही नहीं है

योगगुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) अपने बयानों को लेकर खासी सुर्खियां बटोर रहे हैं, उनका विवाद डॉक्टरों से चल रहा है , दरअसल ये विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब बाबा ने एलोपैथी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि कोरोना वैक्सीन लेने के बाद भी कितने ही डॉक्टर  और ना जाने  कितने लोग अपनी जान गंवा बैठे...इसे लेकर डॉक्टरों की संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कड़ा विरोध जताते हुए रामदेव के खिलाफ मोर्चा सा खोल दिया है और अब देश के पीएम को इस बारे में लेटर लिखकर अपनी बात कही है और रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

बाबा के बयानों से खफा IMA ने मांग की है कि उनके खिलाफ देशद्रोह का मामल दर्ज किया जाए क्योंकि उन्होंने कोरोना टीका को लेकर भ्रामक और गलत बयान दिए हैं साथ ही उन्होंने ऐलोपैथी और डॉक्टरों को लेकर भी ऐसे बयान दिए हैं जो सही नहीं है तो ऐसे विवादित बयानों के लिए बाबा रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।

IMA Uttrakhand ने बाबा को 1000 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा

गौर हो कि एलोपैथी को लेकर योग गुरु रामदेव की टिप्पणी के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखंड  ने योग गुरु बाबा रामदेव को 1000 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि अगर वह अपने द्वारा दिए गए बयानों का विरोध करने वाला वीडियो पोस्ट नहीं करता है और अगले 15 दिनों के भीतर लिखित माफी नहीं मांगता है, तो उससे 1,000 करोड़ रुपए की डिमांड की जाएगी।

रामदेव ने दावा किया था कि 'एलोपैथी बकवास विज्ञान है'

वहीं कुछ दिनों पहले आईएमए ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए उस वीडियो पर आपत्ति जताई थी जिसमें रामदेव ने दावा किया था कि एलोपैथी बकवास विज्ञान है और भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं कोविड-19 मरीजों का इलाज करने में असफल रही हैं। विवाद बढ़ने के बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एलोपैथी के बारे में दिए गए योग गुरु रामदेव के बयान को रविवार को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए उन्हें इसे वापस लेने को कहा था, जिसके बाद रामदेव ने बयान वापस ले लिया था।

योग गुरु रामदेव ने IMA से दागे थे 25 सवाल 

उसके बाद फिर योग गुरु रामदेव ने एलोपैथिक दवाओं पर अपने हालिया बयान को वापस लेने के लिए मजबूर किए जाने के बाद सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से 25 सवाल पूछे थे। रामदेव ने आईएमए से जानना चाहा कि क्या एलोपैथी हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटिज जैसी बीमारियों से स्थाई इलाज देती है?

अपने ट्विटर खाते पर खुला पत्र जारी करते हुए रामदेव ने आईएमए से उनके 25 सवालों का जवाब देने को कहा था। रामदेव ने यह भी पूछा कि क्या दवा उद्योग के पास थायराइड, गठिया, अस्थमा और कोलाइटिस जैसी बीमारियों का स्थायी इलाज उपलब्ध है? उन्होंने पूछा कि क्या एलोपैथी में फैटी लीवर और लीवर सिरोसिस की दवाएं हैं? 


 

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