नई दिल्ली : देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की बढ़ती माग और किल्लत को दूर करने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने इस एंटीवायरल दवा, इसके निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों एवं इसके कच्चे माल पर लगने वाले आयात शुल्क को हटा लिया। सरकार के इस कदम से घरेलू बाजार में इस दवा की उपलब्धता और इंजेक्शन की कीमत कम होगी। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल हो रहा है। इसे देखते हुए देश में इस दवा की मांग काफी ज्यादा हो गई है।
रेमडेसिविर पर 31 अक्टूबर तक मिलेगी छूट
राजस्व विभाग ने अपनी एक अधिसूचना में कहा, 'सरकार का मानना है कि आम लोगों के हित में ऐसा कदम उठाना जरूरी है। रेमडेसिविर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियां जब भारत पहुंचेंगी तो उस पर शुल्क नहीं लगेगा।' जिन सामग्रियों पर शुल्क हटा है उनमें रेमडेसिविर एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट्स (एपीआई), इंजेक्शन रेमडेसिविर और रेमडेसिविर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली बीटा साइक्लोडेक्सट्रिन शामिल है। इन पर आयात शुल्क में छूट इस साल के 31 अक्टूबर तक जारी रहेगी।
पीयूष गोयल ने कदम की सराहना की
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए अपने एक ट्वीट में कहा, 'कोविड-19 के मरीजों को सस्ता चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने की पीएम मोदी की प्राथमिकता के अनुरूप रेमडेसिविर एपीआई, इंजेक्शन एवं कुछ विशेष सामग्री पर आयात शुल्क हटा लिया गया है। इससे दवा की आपूर्ति बढ़ने के साथ-साथ इसके दाम में कमी आएगी और मरीजों को राहत मिलेगी।'
सरकार ने रेमडेसिविर के निर्यात पर लगाई रोक
इससे पहले सरकार ने 11 अप्रैल को रेमडेसिविर की बढ़ती मांग के मद्देनजर इंजेक्शन और एपीआई के निर्यात को स्थिति में सुधार आने तक प्रतिबंधित कर दिया था। राष्ट्रीय औषधि मूल्य प्राधिकरण (एनपीपीए) ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकार के हस्तक्षेप के बाद विभिन्न दवा कंपनियों ने रेमडेसिविर के दाम घटाए हैं। कैडिला हेल्थकेयर ने रेमडैक (रेमडेसिविर 100 एमजी) इंजेक्शन का दाम 2,800 से रुपये से घटाकर 899 रुपये कर दिया है। इसी तरह सिंजीन इंटरनेशनल ने अपने ब्रांड रेमविन का दाम 3,950 रुपये से घटाकर 2,450 रुपये कर दिया है।
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