Jharkhand Political Crisis: झारखंड में इस वक्त सियासी दंगल मचा हुआ है और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर तलवार लटक रही है। अब आखिरी फैसला राज्यपाल को लेना है। राज्यपाल के संभावित आदेश को लेकर हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले सत्ताधारी गठबंधन यानी यूपीए में रणनीति तय करने के लिए बैठकों का दौर जारी है। सत्ताधारी गठबंधन के सभी विधायकों को राजधानी में रहने के निर्देश दिए गए हैं।तो वहीं कांग्रेस ने सभी विधायकों को रांची बुलाया है।
इन सबके बीच सवाल ये भी उठ रहा है कि अगर आज हेमंत सोरेन को सीएम पद छोड़ना पड़ा तो उनकी जगह कौन लेगा। इस रेस में वैसे तो कई नाम हैं लेकिन सबसे आगे हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन हैं। ता दें चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन को लाभ के पद के मामले में दोषी पाया है जिसके बाद चुनाव आयोग ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को अपना फैसला भेज दिया है।राज्यपाल आज अपना फैसला सुनाएंगे और राज्यपाल के फैसले के साथ ही हेमंत सोरेन का भविष्य भी तय होगा क्योंकि अगर सदस्यता रद्द हुई तो हेमंत सोरेन विधायक नहीं रह सकते। इसके साथ ही अगले तीन सालों तक चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिया जा सकता है।
क्या होता है ऑफिस ऑफ प्रॉफिट, जिससे हेमंत सोरेन की कुर्सी को खतरा, जानें क्या है विकल्प
यदि सीएम सोरेन को मौजूदा विधानसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया जाता है तो वह फिर से सीएम बन सकते हैं। इसके लिए सीएम को मंत्रिमंडल भंग करके फिर से शपथ लेनी होगी और 6 महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य बनना होगा। गौर करने वाली बात ये है कि यह विकल्प तभी लागू हो सकता है जब चुनाव आयोग सोरेन के इलेक्शन लड़ने पर प्रतिबंध नहीं लगाता है। अगर प्रतिबंध लगता है तो फिर सीएम के पद से सोरेन को इस्तीफा देना ही होगा। प्रतिबंध लगने की दिशा में सोरेन सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकते हैं।
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