नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों का कल्याण यूनियनों की ओर से बातचीत के केंद्र में नहीं होने के कारण वार्ता अनिर्णायक रही। मुझे इसका दुख है। किसान यूनियनों ने कहा कि वे सरकार से विकल्प मांगने के बावजूद केवल कानूनों को रद्द करना चाहते हैं। हमने उनसे हमारे प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने को कहा क्योंकि यह किसानों और देश के हित में है। हमने उन्हें कल अपना निर्णय बताने के लिए कहा है।
किसानों को बरगलाने की हो रही है कोशिश
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बहुत से किसान संगठन है जो सरकार के प्रस्ताव से सहमत हैं। अगर आप किसानों के साथ बातचीत को देखें तो वो 14 अक्टूबर से चल रही है। 20 जनवरी को जिस बातचीत में सरकार ने प्रस्ताव दिया उससे ज्यादा पक्ष भी सहमत थे। आखिर में ऐसा क्या हुआ कि बातचीत जहां से शुरू हुई वहीं वापस आ गई। किसानों ने जिस अनुशास के साथ अपने आंदोलन को अब तक चलाया है उम्मीद है कि वो आगे भी उसी अनुशासन का परिचय देंगे।
कृषि मंत्री के बयान की खास बातें
मंत्री जी ने साढ़े तीन घंटे इंतजार कराया
किसान मजदूर संघर्ष समिति के एस एस पंधेर ने कहा कि मंत्री ने हमें साढ़े तीन घंटे इंतजार करवाया। यह किसानों का अपमान है। जब वह आया, तो उसने हमसे सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा और कहा कि वह बैठकों की प्रक्रिया को समाप्त कर रहा है ... आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।