नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी की सांसद संघमित्रा मौर्य ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के एक शिक्षक द्वारा छात्रों को कथित तौर पर उपले बनाने की विधि बताना निंदनीय है और ऐसे शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश के बदायूं से लोकसभा सदस्य संघमित्रा ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया।
संघमित्रा उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और अब भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके स्वामी प्रसाद मौर्य की पुत्री हैं। उन्होंने सदन में कहा कि बीएचयू में एक प्रोफेसर की नियुक्ति हुई जो हाल में छात्रों को उपले बनाने की विधि बता रहे थे। बीएचयू जैसे परिसर में उपले बनाने की विधि बताई जा रही है तो हम कैसे उच्च शिक्षा की बात कर सकते हैं। भाजपा सांसद ने कहा कि यह व्यवहार निंदनीय है और चिंतनीय भी है। मैं चाहती हूं कि शिक्षा के मंदिर में ऐसी हरकत करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई हो।
द्रमुक के डीएनवी सेंथिलकुमार ने आईआईटी-मद्रास में एक शिक्षक के साथ कथित भेदभाव का विषय उठाया और उचित कार्रवाई की मांग की। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद इम्तियाज जलील ने अपने क्षेत्र औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में ‘दिशा’ समिति की बैठकें समय पर नहीं होने का विषय उठाया और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से संरक्षण की मांग की।
इस पर बिरला ने सदन में मौजूद ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से कहा कि वह सुनिश्चित करें कि ‘दिशा’ की बैठकें समय से हों और सभी अधिकारी उनमें आएं। गिरिराज सिंह ने कहा कि दिशा की बैठकें जितनी होनी चाहिए, उसकी एक चौथाई हो रही हैं। आपके (बिरला) दिशानिर्देश से सबकी (अलग अलग विभागों के अधिकारियों की) समिति बन सकती है। जनता दल (यूनाइटेड) के आलोक कुमार सुमन और कुछ अन्य सदस्यों ने भी लोकहित से जुड़े अलग-अलग विषय शून्यकाल में उठाए।
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