दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से कहा, 'डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान उमर खालिद ने रची थी दिल्ली में दंगे की साजिश'

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भाषा
Updated Nov 23, 2020 | 15:41 IST

जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ दाखिल चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा कि खालिद ने डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान दिल्ली दंगों को हवा देने की साजिश रची थी।

In the charge sheet, Police told the court, 'Umar Khalid was planned to riot in Delhi during Donald Trump's visit'
उमर खालिद 
मुख्य बातें
  • दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि साम्प्रदायिक हिंसा एक सोची समझी साजिश थी
  • पुलिस ने आरोप लगाया कि खालिद ने कथित तौर पर दो अलग-अलग स्थानों पर भड़काऊ भाषण दिए थे
  • पुलिस ने कहा कि खालिद ने नागरिकों से अपील की थी कि वे ट्रंप की यात्रा के दौरान सड़कों पर उतरें और रास्ते जाम करें

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने अदालत में दाखिल आरोपपत्र में कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने इस साल फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान दिल्ली दंगों को हवा देने की साजिश रची थी, ताकि भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का विश्व स्तर पर प्रचार हो सके। दिल्ली पुलिस ने फरवरी में उत्तर-पूर्व दिल्ली में साम्प्रदायिक हिंसा के पीछे कथित तौर पर बड़ी साजिश होने के मामले में खालिद और जेएनयू छात्र शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया।

आरोपपत्र रविवार को दाखिल किया गया, जिसके अनुसार खालिद एक साजिश के तहत 23 फरवरी को दिल्ली से पटना गया और 27 फरवरी को वापस लौटा। इसमें आरोप लगाया गया कि खालिद ने अन्य आरोपी लोगों के साथ चांद बाग में एक कार्यालय में बैठक भी की थी। प्राथमिकी में पुलिस ने दावा किया कि साम्प्रदायिक हिंसा एक सोची समझी साजिश थी, जिसे खालिद और दो अन्य लोगों ने अंजाम दिया।

पुलिस ने आरोप लगाया कि खालिद ने कथित तौर पर दो अलग-अलग स्थानों पर भड़काऊ भाषण दिए थे और नागरिकों से अपील की थी कि वे ट्रंप की यात्रा के दौरान सड़कों पर उतरें और रास्ते जाम करें, ताकि भारत में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा सके।

पुलिस ने दावा किया कि इस साजिश में, कई घरों में आग्नेयास्त्र, पेट्रोल बम, एसिड की बोतलें और पत्थर एकत्र किए गए थे। उसने आरोप लगाया कि सह-आरोपी मोहम्मद दानिश को दंगों में शामिल करने के लिए दो अलग-अलग स्थानों पर लोगों को एकत्रित करने की जिम्मेदारी दी गई थी। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून में संशोधनों के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को सांप्रदायिक झड़पें शुरू हुई थीं, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई और करीब 200 लोग घायल हो गए थे।

सूत्रों के अनुसार खालिद, इमाम और एक अन्य आरोपी फैजान खान के खिलाफ कठोर गैर-कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया। उनपर, दंगे, गैर-कानूनी तरीके से एकत्रित होने, आपराधिक साजिश, हत्या, धर्म, भाषा, जाति इत्यादि के आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देने और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।

इन अपराधों के तहत अधिकतम मृत्युदंड की सजा दी जा सकती है। 930 पन्नों का यह पूरक आरोपपत्र यूएपीए की धारा 13 (गैर-कानूनी गतिविधियां), 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिविधि के लिये धन जुटाना) और 18 (षड़यंत्र) के तहत दायर किया गया है। खालिद और इमाम फिलहाल इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। खान को दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है।

मुख्य आरोप पत्र सितंबर में पिंजरा तोड़ की सदस्यों तथा जेएनयू की छात्राओं देवांगना कालिता और नताशा नरवाल, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा और छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा के खिलाफ दायर किया गया था। अन्य आरोपी जिनका आरोप पत्र में नाम है उनमें कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां, जामिया समन्वय समिति के सदस्य सफूरा जरगर, मीरान हैदर और शिफाउर्रहमान, आम आदमी पार्टी के निलंबित विधायक ताहिर हुसैन, कार्यकर्ता खालिद सैफी, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान और अतहर खान शामिल हैं।
 

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