नई दिल्ली : पाकिस्तान की जेलों में अपनी सजा पूरी कर चुके चार भारतीय नागरिकों की रिहाई की मांग भारत ने उठाई है। पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग ने इसके लिए इस्लामाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पाकिस्तान की सैन्य अदालतों ने इन चार भारतीय नागरिकों को सजा सुनाई थी। ये चारों नागरिक अपनी सजा पूरी कर चुके हैं। भारतीय उच्चायोग में प्रथम सचिव रूप के तैनत अपर्णा रॉय ने पाकिस्तानी वकीलों के जरिए हाई कोर्ट के समक्ष नागरिकों की रिहाई की अर्जी लगाई है। बताया जाता है कि भारतीय नागरिक बिरजू डुंग डुंग, विजयन कुमार, सतीश भोग और सोनू सिंह को लाहौर एवं कराची के जेलों में रखा जा रहा है।
अर्जी में कहा गया है कि पाकिस्तानी सैन्य अदालतों की ओर से सुनाई गई सजा को ये चारों भारतीय नागरिकों भुगत चुके हैं। इस मामले में पाकिस्तान के विदेश एवं गृह सचिवों को प्रतिवादी बनाया गया है। अर्जी में आगे कहा गया है कि पाकिस्तान आर्मी एक्ट एवं गोपनीयता कानूनों के तहत वहां की सेना ने इन नागरिकों को गिरफ्तार किया। भारतीय कैदियों का दावा है कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया। उनकी गिरफ्तारी की पूरी प्रक्रिया और उन्हें दोषी बताए जाने के दौरान कानून का पालन नहीं किया गया।
अर्जी में पाकिस्तान के संविधान के उस हिस्से का जिक्र किया गया है, जिसके अनुसार 'किसी भी व्यक्ति को कानून में दिए गए अधिकारों से वंचित नहीं रखा जाएगा।' इसका हवाला देते हुए उच्चायोग ने भारतीय कैदियों की रिहाई की मांग की है। भारतीय उच्चायोग ने यह भी कहा है कि अपने नागरिकों की रिहाई के लिए उसने गत 18 मई को पाकिस्तान के विदेश विभाग को पत्र लिखा था।
उच्चायोग ने उम्मीद जताई है कि पाकिस्तान की सरकार जल्द ही इन चार भारतीय नागरिकों की रिहाई करेगी। बता दें कि भारत और पाकिस्तान की जेलों दोनों देशों के सैकड़ों नागरिक बंद हैं। इनमें से ज्यादातर मुछआरे होते हैं जो मछली पकड़ने के दौरान एक-दूसरे की सामुद्रिक सीमा में दाखिल हो जाते हैं। बीच-बीच में दोनों सरकारें इन मछुआरों को रिहा करती हैं।
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