'भारत हिंदुओं का है, सनातनी परंपरा को हम जिंदा रखेंगे', साध्वी प्रज्ञा ने दिखाए तल्ख तेवर 

Sadhvi Pragya news : साध्वी प्रज्ञा ने शुक्रवार को किसी का नाम लिए बगैर कहा कि ये लोग हिंदू धर्म के देवी-देविताओं को अपमानित एवं अपनी विधर्मी मानसकिता प्रकट करते हैं। साध्वी ने एक ट्वीट भी किया है।

India belongs to Hindus & Sanatana Dharma will stay here:BJP's Sadhvi Pragya in Bhopal
भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने दिखाए तल्ख तेवर।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने नुपूर शर्मा के बयान का बचाव किया है
  • पैगंबर मोहम्मद के बारे में नुपूर के बयान पर मुस्लिम समुदाय ने विरोध किया है
  • साध्वी ने कहा है कि सच कहना अगर बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं

Sadhvi Pragya : पैगंबर मोहम्मद के बारे में नुपूर शर्मा के आपत्तिजनक बयान पर सियासत भी गर्म है। असदुद्दीन ओवैसी सहित मुस्लिम धर्म गुरु जहां नुपूर शर्मा को गिरफ्तार किए जाने की मांग कर रहे हैं तो दूसरी ओर भाजपा की पूर्व नेता के समर्थन में भी आवाजें उठ रही हैं। भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भी इस विवाद में कूद पड़ी हैं उन्होंने भाजपा से निलंबित नुपूर शर्मा का बचाव किया है। साध्वी प्रज्ञा ने शुक्रवार को किसी का नाम लिए बगैर कहा कि ये लोग हिंदू धर्म के देवी-देविताओं को अपमानित एवं अपनी विधर्मी मानसकिता प्रकट करते हैं। साध्वी ने एक ट्वीट भी किया है। इस ट्वीट में साध्वी ने लिखा कि 'सच कहना अगर बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं।' इस बयान को नुपूर शर्मा के बयान से जोड़कर देखा जा रहा है। 

हम सनातन की परंपरा जिंदा रखेंगे-साध्वी
साध्वी ने कहा, 'कमलेश तिवारी ने कुछ कहा तो उसका कत्ल कर दिया। कोई कुछ कहेगा तो उसे धमकी मिलेगी। हमारे देवी-देवताओं पर ये फिल्म बनाते हैं। फिल्मों में ये गालियां देते हैं। आज से नहीं, गालियां देने का इनका पूरा कम्यूनिस्ट इतिहास है। ये लोग हमेशा अपनी विधर्मी मानसिकता को प्रदर्शित करते आए हैं। ये भारत है, हिंदुओं का है। यहां सनातन जिंदा रहेगा। इसे जिंदा रखना हमारी जिम्मेदारी है और हम इसे जिंदा रखेंगे।'  

कौन थे कमलेश तिवारी
18 अक्टूबर 2019 में कमलेश तिवारी की लखनऊ में बेरहमी से हत्या कर दी गई। वर्ष 2015 में कमलेश तिवारी द्वारा की गई एक टिप्पणी के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के तमाम लोग सड़कों पर उतर आए थे। उन्होंने कमलेश तिवारी पर अपनी धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का आरोप लगाया। कमलेश की टिप्पणी को मुस्लिम संगठनों ने अपने पैगम्बर का अपमान बताया था। घटना के दिन कमलेश तिवारी अपने पार्टी मुख्यालय पहुंचे थे। इसी दौरान भगवा वस्त्र में दो साजिशकर्ता हाथ में मिठाई का डिब्बा लेकर नेता उनसे मिलने पहुंचे। बातचीत करने के बाद उन्होंने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। 

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