भारत-चीन के बीच 10वें दौर की सैन्‍य वार्ता, हॉट स्प्रिंग्स, देपसांग से भी सैन्‍य वापसी पर भारत का जोर

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Updated Feb 20, 2021 | 22:23 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

चीन के साथ 10वें दौर की सैन्‍य वार्ता में भारत का जोर उन सभी इलाकों से सैन्‍य वापसी पर रहा, जो पूर्वी लद्दाख में विवाद के प्रमुख बिंदु रहे हैं। इनमें हॉट स्प्रिंग्स, देपसांग का इलाका भी शामिल है।

भारत-चीन के बीच 10वें दौर की सैन्‍य वार्ता, हॉट स्प्रिंग्स, देपसांग से भी सैन्‍य वापसी पर भारत का जोर
भारत-चीन के बीच 10वें दौर की सैन्‍य वार्ता, हॉट स्प्रिंग्स, देपसांग से भी सैन्‍य वापसी पर भारत का जोर  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्‍ली : पूर्वी लद्दाख में वास्‍तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव दूर करने को लेकर भारत और चीन के बीच बातचीत लगातार जारी है। सैन्‍य स्‍तर पर बातचीत के अतिरिक्‍त कूटनीतिक स्‍तर पर भी बातचीत की प्रक्रिया जारी है। इस बीच दोनों देशों के वरिष्‍ठ सैन्‍य अधिकारियों के बीच शनिवार को 10वें दौर की बातचीत शुरू हुई, जिसमें भारत का जोर उन सभी इलाकों से सैन्‍य वापसी पर रहा, जो विवाद के प्रमुख बिंदु रहे हैं।

भारत और चीन के बीच 10वें दौरे की सैन्‍य वार्ता ऐसे समय में हो रही है, जबकि चीन ने दो दिन पहले ही आधिकारिक तौर पर स्‍वीकार किया है कि बीते साल 14-15 जून की रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ जो हिंसक झड़प हुई थी, उसमें उसके भी सैनिक हताहत हुए थे। चीन की यह स्‍वीकारोक्ति गलवान हुई उस घटना के आठ महीने बाद आई थी, जबकि भारत ने तभी अपने सैनिकों की शहादत को सार्वजनिक करते हुए उनके अदम्‍य साहस व वीरता की सराहना की थी और उन्‍हें उचित सम्‍मान दिया था।

मोल्‍दो में 10वें दौर की वार्ता

भारत और चीन के बीच 10वें दौर की सैन्‍य वार्ता शनिवार को सुबह 10 बजे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की तरफ मोल्दो सीमा बिंदु क्षेत्र में शुरू हुई, जो देर रात करीब 10 बजे तक जारी थी। इसमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्‍व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे हैं जो लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर हैं। वहीं, चीनी पक्ष का नेतृत्व मेजर जनरल लिउ लिन कर रहे हैं जो चीनी सेना के दक्षिणी शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर हैं। समझा जा रहा है कि इस वार्ता के बीच दोनों पक्षों के बीच डिस्‍इंगेजमेंट को लेकर महत्‍वपूर्ण सहमति बनेगी और आपसी गतिरोध दूर किया जा सकेगा।

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव की शुरुआत बीते साल अप्रैल के तीसरे सप्‍ताह में हुई थी। जून मध्‍य तक तनाव इतना बढ़ गया कि इसकी परिण‍िति गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के रूप में सामने आई, जिसमें दोनों पक्षों के सैनिक हताहत हुए। इसके बाद तनाव दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्‍य व कूटनीतिक स्‍तर पर बातचीत की प्रक्रिया शुरू हुई। नौवें दौर की सैन्‍य वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच पैंगोंग झील इलाके से पीछे हटने पर सहमति बनी। झील के उत्‍तरी व दक्षिणी इलाके से भारत और चीन के सैनिकों की तैनाती, हथियारों व अन्‍य सैन्‍य उपकरणों को हटाए जाने की प्रक्रिया दो दिन पहले ही पूरी हुई है।

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