India China standoff: मोल्डो में दोनों पक्षों में उच्चस्तरीय बातचीत संपन्न, पिक्चर अभी बाकी

india china talks: भारत और चीन के बीत चीन की तरफ मोल्डो में उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता हुई। बातचीत के बाद लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर वापस लेह लौट चुके हैं।

india china standoff: मोल्डो में दोनों पक्षों में उच्चस्तरीय बातचीत संपन्न, पिक्चर अभी बाकी
तनाव खत्म करने के लिए भारत चीन के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता संपन्न 
मुख्य बातें
  • मोल्डो में लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता संपन्न
  • 1 मई को विवाद की शुरुआत हुई जब चीन की तरफ से पूर्वी लद्दाख में घुसपैठ की
  • दोनों तरफ से एलएसी पर सीमित संख्या में सैन्य टुकड़ियां तैनात

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में चीन भारत तनाव के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता शनिवार को संपन्न हुई। भारत की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह वार्ता की अगुवाई कर रहे थे। जिस समय यह बातचीत चल रही थी उस समय चीन की सरकारी मीडिया में तमाम तरह की बातें चल रही थी मसलन भारत को अमेरिका के झांसे में नहीं आना चाहिए। अमेरिका इस समय भारत को उकसा रहा है और इससे बचना चाहिए। इन सबके बीच भारतीय सेना के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्षों आपस में संवेदनशील मुद्दे पर बातचीत कर रहे हैं, लिहाजा किसी को भी कयासबाजी से बचना चाहिए। 

उच्च स्तरीय बातचीत खत्म
भारत चीन के बीच सीमा से संबंधित विवाद पर अब तक लोकल कमांडर स्तर पर 12 बार बातचीत हुई है. मेजर जनरल स्तर पर तीन बार बातचीत हो चुकी है। पहली बार लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर बातचीत हुई है।  यहां यह समझना जरूरी है कि लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता का अर्थ क्या है। जानकार बताते हैं कि जब कई दौर की बातचीत के बाद भी एक महीने से चले आ रहे तनाव को खत्म नहीं किया जा सका तो दोनों पक्षों ने उच्च स्तरीय बातचीत का रास्ता सुझाया 


एक महीना पहले विवाद की शुरू हुआ
दोनों देशों के बीच तनाव की शुरुआत तब हुई जब यह पता चला कि पीएलए भारतीय क्षेत्र में दाखिल हो चुकी है और फिंगर एरिया की चौथी चोटी को अपने कब्जे में बता रही है। एलएसी पर भारतीय फौज के जवानों को चीनी सैनिकों के बीच हाथापाई हुई जिसके बाद चीन ने करीब 5 हजार सैनिकों की तैनाती कर दी। भारत ने भी तुरंत कार्रवाई की और सैनिकों को वहां भेजा। इसके बाद चीन की तरफ से बातचीत की पेशकश होने लगी। 

भारतीय पक्ष की तरफ से संयम भरा प्रतिरोध
बताया जाता है कि भारतीय पक्ष का मानस पूरी तरह साफ था कि अब निर्णायत तौर पर पैंगोंग सो लेक, गलवान वैली, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी जैसे सभी विवादत जगहों पर चीन की आक्रामकता का बातचीत और दूसरे तरीकों से जवाब दिया जाएगा। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि चीन ने एलएसी से सटे इलाकों में बड़े पैमाने पर रक्षा की आधारभूत इकाइयों को स्थापित किया है। पैंगोंग सो इलाके से करीब 180 किलोमीटर दूरी पर मिलिटरी एयरबेस का आधुनिकीकरण भी शामिल है।

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