पैंगोंग लेक के पास स्थिति तनावपूर्ण,चीन ने बढ़ाई सैनिकों की तादाद, जमा कर रहा है सैन्य समान

देश
रवि वैश्य
Updated Sep 09, 2020 | 20:02 IST

Situation still tense near Pangong Lake: चीन ने पैंगोक लेक के उत्तरी क्षेत्र में स्थित फिंगर एरिया में जवानों को तैनात कर दिया है और सैन्य समान को जमा करना शुरू कर दिया है।

India China Tension situation still tense near Pangong lake Chinese troops increase in numbers
इस क्षेत्र की रखवाली करने वाली भारतीय सेना ने चीनी कदम को रोक दिया था और इस प्रयास को विफल कर दिया था 
मुख्य बातें
  • चीन ने पैंगोंग पैंगोंगलेक के उत्तरी क्षेत्र में स्थित फिंगर एरिया में जवानों को तैनात कर दिया है
  • चीन यहां ज्यादा सामग्री और लॉजिस्टिक भी इकट्ठा कर रहा है।
  • चीनी सैनिक लगातार फिंगर 4 के रिजलाइन पर बने हुए हैं

Pangong Lake Tension: पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग लेक (Pangong Lake) के दक्षिण में जहां भारत ने प्रभुत्व जमा रखा है, चीन ने लेक के उत्तरी क्षेत्र में स्थित फिंगर एरिया में जवानों को तैनात कर दिया है और सैन्य समान को जमा करना शुरू कर दिया है।इससे पहले 7 सितंबर को लेक के दक्षिणी किनारे में दोनों सेनाओं के बीच झड़प हुई थी और दोनों तरफ से हवाई फायरिंग की गई थी।क्षेत्र में मंगलवार शाम से ही पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों की संख्या को बढ़ाया जा रहा है। चीन यहां ज्यादा सामग्री और लॉजिस्टिक भी इकट्ठा कर रहा है।

चीनी सैनिक लगातार फिंगर 4 के रिजलाइन पर बने हुए हैं। लेक का दक्षिणी किनारा आठ फिंगरों में बंटा हुआ है, जिसपर दोनों देश दावा करते रहे हैं।भारत एलएसी के पास फिंगर 8 पर अपना दावा करता है और फिंगर 4 भी भारत के पास था, लेकिन यथास्थिति को बदलने के लिए चीन फिंगर 4 के पास डेरा डाले हुए है और फिंगर 5 और फिंगर 8 पास सेना साजोसामान से लैस है।इस बीच, रिपोर्टों में कहा गया है कि भारतीय सेना ने भी अपनी स्थिति को मजबूत किया है और भारतीय वायु सेना (IAF) के लड़ाकू विमान, जिनमें सुखोई -30, MIG भी शामिल हैं, क्षेत्र में उड़ान भर रहे हैं।

29 और 30 अगस्त की रात को चीनी सैनिकों द्वारा 'भड़काऊ सैन्य आंदोलनों' को अंजाम देने के बाद पैंगोंग झील के पास तनाव बढ़ गया और झील के दक्षिणी किनारे पर यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया गया। इस क्षेत्र की रखवाली करने वाली भारतीय सेना ने चीनी कदम को रोक दिया था और इस प्रयास को विफल कर दिया था।

चीनी कार्रवाई को विफल करने के लिए भारत की स्थिति मजबूत

इस प्रक्रिया में भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तट पर सामरिक ऊंचाइयों की संख्या पर स्थिति संभाली और किसी भी चीनी कार्रवाई को विफल करने के लिए क्षेत्र में फिंगर 2 और फिंगर 3 क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति को मजबूत किया।भारतीय सेना पैंगॉन्ग लेक के दक्षिणी किनारे में महत्वपूर्ण ऊंचाईयों पर तैनात है और चीनियों ने भारत से इस क्षेत्र को हथियाने के लिए कई प्रयास किए हैं।जहां भारतीय सेना बढ़त की स्थिति में दिख रही है।भारतीय सेना उन ऊंचाईयों पर तैनात है, जो इसे चीनी मोल्डो गैरीसन और चीन के नियंत्रण वाले सपांगुर गैप में हावी होने का मौका प्रदान करता है। इन ऊंचाईयों पर भारत और चीन दोनों दावा करते हैं। भारतीय सेना सबसे महत्वपूर्ण ऊंचाई रेचीन ला में तैनात है, जिसका चीन विरोध कर रहा है।

यहां से भारतीय सेना न केवल पैंगॉन्ग लेक के दक्षिणी किनारे चीनी सैन्य शिविर पर नजर रख सकती है, बल्कि इससे विपरीत लेक के उत्तर में स्थित फिंगर 4 भी भारतीय सेना की रेंज में आ जाता है।भारत और चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास मई से ही आमने-सामने हैं। जबकि इस दौरान कई स्तर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन इससे कुछ भी हासिल नहीं हुआ है।

LAC पर धारदार हथियार 'गुआनदाओ' लेकर आयी थी चीनी सेना

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिक बार-बार भारतीय सैनिकों को उकसाने की कार्रवाई कर रहे हैं। 7 सितंबर को भी स्पष्ट रूप से भारतीय सैनिकों को भड़काने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्हें पीछे हटने को मजबूर होना पड़ा। चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को डराने के प्रयास में हवा में कुछ राउंड गोलियां भी चलाईं। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के करीब 50 सैनिक सोमवार की शाम पूर्वी लद्दाख में रेजांग-ला रिज लाइन के मुखपारी चोटी के पास स्थित भारतीय चौकी की ओर आक्रामक तरीके से बढ़ रहे थे। वे छड़, भाले और रॉड आदि से लैस थे।

चीन के सैनिकों ने छड़, भाले और 'गुआनदाओ' आदि हथियार ले रखे थे। 'गुआनदाओ' एक तरह का चीनी हथियार है जिसका इस्तेमाल चीनी मार्शल आर्ट के कुछ स्वरूपों में किया जाता है। इसके ऊपर धारदार ब्लेड लगा होता है। इससे पहले चीन के सैनिकों ने 15 जून को गलवान घाटी में झड़प के दौरान पत्थरों, कील लगे डंडों, लोहे की छड़ों आदि से भारतीय सैनिकों पर बर्बर हमला किया था। इस झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।

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