देश में अब मोदी सरकार नाइट स्काई सैंक्चुअरी खोलने जा रही है। यह देश की पहली नाइट स्काई सैंक्चुअरी होगी। यह सैंक्चुअरी अगले तीन महीनों में तैयार हो जाएगी, जिसके बाद लोग यहां से तारों वाली रात का लुफ्त उठा सकेंगे।
'बर्फीले' हवाओं के साथ लुफ्त
इस नाइट स्काई सैंक्चुअरी को लद्दाख में बनाया जा रहा है। उस लद्दाख में जहां जमा देने वाली ठंड होती है। यहां 3,500 मीटर की ऊंचाई पर, गर्मियों में दिन के दौरान औसत तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, जबकि सर्दियों में यह रात में -15 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। यहां अधिक ऊंचाई पर काफी ठंडा हो सकता है। यहां गर्मियों में भी रात के समय का तापमान शून्य से नीचे गिर सकता है।
इस अभयारण का होगा हिस्सा
इसके बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि नाइट स्काई सैंक्चुअरी अगले तीन महीनों के भीतर लद्दाख में बन जाएगा। सिंह ने कहा कि प्रस्तावित डार्क स्काई रिजर्व लद्दाख के हनले में स्थित चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य के एक हिस्से में होगा। यह ऑप्टिकल, इंफ्रा-रेड और गामा-रे टेलीस्कोप के लिए दुनिया के सबसे ऊंचे स्थानों में से एक होगा।
यहां से मिलेगा सहयोग
हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख प्रशासन, लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (एलएएचडीसी) लेह और भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (आईआईए) के बीच इस नाइट स्काई सैंक्चुअरी के लिए एक समझौता हुआ है। यही तीनों मिलकर इसका निर्माण और संचालन करेंगे।
नाइट स्काई सैंक्चुअरी के लिए उपयुक्त जगह
हनले इस परियोजना के लिए सबसे उपयुक्त जगह थी। क्योंकि यह लद्दाख के ठंडे रेगिस्तानी क्षेत्र में स्थित है। यह काफी उंचाई पर है, जिसकी वजह से हर मौसम में आसमान साफ दिखता है। जो इसे नाइट स्काई सैंक्चुअरी के लिए सबसे उपयुक्त जगह बनाती है।
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