नई दिल्ली : भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देने के लिए भारत ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया है। मामले में पाकिस्तान की पैंतेबाजी को देखते हुए भारत सरकार ने अब जाधव को बिना शर्त कॉन्सुलर एक्सेस देने की बात कही है। कुछ दिनों पहले पाकिस्तान की तरफ से यह दावा किया गया कि जाधव अपनी दोषिसिद्धि एवं सजा के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर नहीं करना चाहते हैं। पाक ने कहा कि जाधव अपनी दया याचिका के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। आईसीजे ने जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है।
जासूसी के आरोप में जाधव को दी फांसी की सजा
भारत का कहना है कि जाधव पर दबाव डालकर उनसे यह सब कराया जा रहा है। बता दें कि पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में जाधव को फांसी की सजा सुनाई। इस सजा को भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में चुनौती दी। आईसीजे ने वियना संधि का उल्लंघन करने पर पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई और अपना फैसला 15-1 से भारत के पक्ष में सुनाया। आईसीजे ने भी जाधव को बिना किसी अवरोध के कॉन्सुलर एक्सेस देने का फैसला सुनाया है।
जाधव से मुलाकात के लिए अपने अधिकारी भेजना चाहता है भारत
आईसीजे के फैसले का हवाला देते हुए भारत ने कहा है कि कॉन्सुलर पहुंच और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच पूर्व शर्त हैं। सूत्रों की मानें तो भारत चाहता है कि उसके दो अधिकारी जाधव से मुलाकात करें।
पाक में अप्रैल 2017 में गिरफ्तार हुए जाधव
नौसेना के पूर्व अधिकारी जाधव को जासूसी एवं आतंकवाद फैलाने के आरोप में पाकिस्तान में अप्रैल 2017 में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद पाक की एक सैन्य अदालत ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई। भारत का कहना है कि जाधव अपने कारोबार के सिलसिले में ईरान में थे और वहां से उन्हें अगवा कर पाकिस्तान लाया गया। भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जाधव को मिली सजा को चुनौती दी।
आईसीजे ने पाक को फटकार लगाई
मामले की सुनवाई करते हुए आईसीजी ने वियना संधि का उल्लंघन करने पर पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई। साथ ही जाधव की फांसी पर रोक लगाते हुए उन तक बिना किसी अवरोध और देरी के कॉन्सुलर मदद पहुंचाने का आदेश दिया।
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