स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने दी चेतावनी, लॉकडाउन में राहत देने के बाद देश में बड़े पैमाने पर फैलेगा कोरोना

देश
भाषा
Updated May 15, 2020 | 15:32 IST

Health Expert on Corona: एक जाने माने स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि यदि लॉकडाउन में राहत दी गई तो फिर भारत मे बड़े पैमाने पर कोरोना फैलेगा।

Health Expert on Corona
'लॉकडाउन में राहत देने के बाद बड़े पैमाने पर फैलेगा कोरोना' 
मुख्य बातें
  • भारत को कोविड-19 के सामुदायिक स्तर पर प्रसार के लिए तैयार रहना चाहिए- स्वास्थ्य विशेषज्ञ
  • भारत को कोरोना वायरस की रोकथाम के सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए- स्वास्थ्य विशेषज्ञ
  • सामुदायिक प्रसार का न सिर्फ जोखिम है बल्कि असल में यह एक खतरा है

बेंगलुरु: भारत को कोविड-19 के सामुदायिक स्तर पर फैलने के जोखिम का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। एक प्रख्यात स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने शुक्रवार को यह बात कही और आगाह किया कि लॉकडाउन में राहत देने के चलते कोरोना वायरस बड़े पैमाने पर फैल सकता है। कुछ विशेषज्ञों की चेतावनी कि देश में वायरस का सामुदायिक स्तर पर फैलना (चरण तीन) पहले ही शुरू हो चुका है पर पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष, प्रोफेसर के श्रीनाथ रेड्डी ने कहा कि यह परिभाषा पर निर्भर करता है।

कई मामले ऐसे जिनकी यात्रा का इतिहास नहीं

 उन्होंने कहा कि क्योंकि अगर हम उन लोगों में प्रसार को देखते हैं जिन्होंने कहीं की यात्रा नहीं की या किसी संक्रमित के संपर्क में नहीं आाए, तो निश्चित तौर पर ऐसे कई मामले सामने आए हैं। उन्होंने बताया, 'लेकिन ज्यादातर मामले विदेशी यात्रियों के प्रवेश के मूल कारण के इर्द-गिर्द या उनके जानकारों की यात्रा करने से संबंधित हैं। इसलिए जो लोग इसे अब भी दूसरा चरण बता रहे हैं, उनका कहना है कि यह पता लग सकने वाला स्थानीय प्रसार है और ऐसा सामुदायिक प्रसार नहीं है जिसका अनुमान न लगाया जा सके।'

ले लिया है भयावह रूप

उन्होंने कहा कि इसलिए हम सामुदायिक प्रसार जैसे शब्द के इस्तेमाल से बच रहे हैं। यह परिभाषाओं एवं भाषा का विषय है।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में ह्रदयरोग विभाग के पूर्व में प्रमुख रहे रेड्डी ने कहा कि लेकिन यह भी मानना होगा कि सामुदायिक प्रसार हर उस देश में वास्तव में नजर आया है जहां इस वैश्विक महामारी ने भयावह रूप लिया है और भारत को भी इसके लिए तैयार रहना चाहिए । और उसे इस तरह से काम करना चाहिए जैसा कि यह हो रहा है और रोकथाम के सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए।

उठाने चाहिए कदम
रेड्डी ने कहा कि सामुदायिक प्रसार का न सिर्फ जोखिम है बल्कि असल में यह एक खतरा है।उनके मुताबिक, मलेशिया समेत दक्षिण पूर्वी एशिया के राष्ट्र, खासकर भारत में प्रति लाख लोगों पर उन देशों के मुकाबले मृत्यु दर कम रही जहां वैश्विक महामारी का प्रकोप उसी वक्त नजर आया था।उन्होंने कहा कि भारत में मृत्यु दर कम होने के कई कारक हो सकते हैं जैसे कम आयु वर्ग की आबादी ज्यादा होना, ग्रामीण जनसंख्या अधिक होना और लॉकडाउन जैसे एहतियाती कदम उठाया जाना।

सोशल डिस्टेंसिंग पर देना होगा जोर
लेकिन उन्होंने इन्हें दृढ़ रखने की जरूरत पर भी बल दिया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खुलने पर कुछ जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं क्योंकि लोगों की आवाजाही बढ़ जाएगी और वायरस के बड़े पैमाने पर फैलने की आशंका भी बढ़ जाएगी।रेड्डी ने कहा कि इसलिए हमें ज्यादा से ज्यादा शारीरिक दूरी बनानी होगी और मास्क पहनना एवं हाथ धोने जैसी आदतों का लगातार पालन करना होगा।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर