नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान के ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुए पथराव और तोड़फोड़ की कड़ी निंदा की है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए बयान में पाकिस्तान से मांग की गई है कि वह सिखों की सुरक्षा के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए। शुक्रवार को ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर एक भीड़ ने हमला कर दिया था। बाद में पुलिसकर्मियों की मदद से गुरुद्वारे के अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला गया।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान में श्री गुरु नानक देव जी के जन्मस्थान पवित्र ननकाना साहिब में सिखों के साथ हिंसा हुई है। अपने बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारत इस पवित्र स्थान पर तोड़फोड़ और बेअदबी की हरकतों की कड़ी निंदा करता है। हम पाकिस्तान सरकार से सिखों की सुरक्षा एवं कल्याण सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान करते हैं। उन बदमाशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए जो इस पवित्र गुरद्वारे में बेअदबी में शामिल हैं और जिन्होंने अल्पसंख्यक सिखों पर हमला किया है।’
इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पाकिस्तान पीएम इमरान खान को इस मामले में दखल देने की मांग की। कैप्टन अमरिंदर ने ट्वीट कर कहा, 'इमरान खान से अपील करता हूं कि वह तत्काल हस्तक्षेप करें जिससे गुरुद्वारा ननकाना साहिब में फंसे श्रद्धालुओं और इस पवित्र स्थल को घेराबंदी कर खड़ी उग्र भीड़ से बचाया जा सके।'
दरअसल यह हमला गुरुद्वारा के ग्रंथी की बेटी जगजीत कौर के अगवा करने और जबरन धर्म परिवर्तन कराने के बाद निकाह करने की घटना के बाद हुआ। भीड़ ने इस दौरान सिखों को वहां ना भगाने के नारे ही नहीं लगाए बल्कि ननकाना साहिब का नाम बदलने की मांग भी की। भीड़ उसी मोहम्मद हसन के नेतृत्व में पथराव कर रही थी जिसके भाई ने सिख लड़की को अगवा किया था। गुरद्वारा ननकाना साहिब वह स्थान है जहां सिखों के पहले गुरु नानक देव का जन्म हुआ था। यह सिखों के पवित्रतम स्थलों में एक है।
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