नई दिल्ली : मिसाइल क्षेत्र में भारत ने एक और ऊंची छलांग लगाई है। भारत ने शुक्रवार को एंटी-रेडिएशन मिसाइल 'रूद्रम' का लड़ाकू विमान सुखोई-30 से सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास परिषद (डीआरडीओ) ने विकसित किया है। इस मिसाइल का परीक्षण पूर्वी तट पर किया गया। भारत ने हाल ही में ब्रह्मोस के उन्नत संस्करण और शौर्य मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। सीमा पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच इन मिसाइलों का परीक्षण काफी अहम माना जा रहा है।
गत सोमवार को भारत ने ओडिशा तट के ह्वीलर द्वीप से सुपरसोनिक असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (एसएमएआरटी) का सफल परीक्षण किया। टॉरपीडो के रेंज से बाहर एंटी सबमरीन वॉरफेयर (एएसडब्बल्यू) अभियान में यह मिसाइल काफी उपयोगी साबित होगी। इस मिसाइल के परीक्षण के बाद भारतीय वायु सेना की सामरिक क्षमता में और इजाफा हो गया है।
'रूद्रम' के सफल परीक्षण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। सिंह ने अपने एक ट्वीट में कहा कि डीआरडीओ ने स्वदेशी तकनीक से नई पीढ़ी की एंटी-रेडिएशन मिसाइल (रूद्रम-1) का सफल परीक्षण किया है। यह मिसाइल वायु सेना के लिए है। बालासोर के एकीकृत परीक्षण स्थल से इस मिसाइल का परीक्षण किया गया है। इस उल्लेखनीय सफलता के लिए मैं डीआरडीओ एवं अन्य हितधारकों को बधाई देता हूं।
दुश्मन की वायु रक्षा व्यवस्था को नष्ट करने के उद्देश्य से बनाई गई यह मिसाइल अलग-अलग ऊंचाई वाली जगहों से दागी जा सकती है। 'रूद्रम' मिसाइल दुश्मन देश के रडार एवं निगरानी व्यवस्था एवं तंत्र को ध्वस्त कर सकती है।
'रूद्रम' अपने तरह की एक अलग मिसाइल है। लड़ाकू विमानों मिराज 2000, जगुआर, तेजस और तेजस मार्क 2 को भी इस मिसाइल से लैस किया जा सकता है। इस मिसाइल की लंबाई करीब 5.5 मीटर और वजन 140 किलोग्राम है। रूद्रम में बीवीआरएएएम अस्त्र मिसाइल जैसी खूबियां भी हैं।
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