नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच एक राहत भरी खबर ये है कि अगले 10 दिनों के भीतर रूस की स्पुतनिक-V वैक्सीन को भारत में इस्तेमाल की मंजरू मिल सकती है। दरअसल भारत में इस समय जिस रफ्तार से कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं उससे गहरा स्वास्थ्य संकट पैदा हो गया है। कई राज्य वैक्सीन की कमी का हवाला देकर केंद्र सरकार से और अधिक वैक्सीन की खुराक मांग रहे हैं ऐसे में स्पुतनिक टीका आने से टीके की कमी को दूर किया जा सकता है।
तिमाही के अंत तक ये पांच टीके होंगे बाजार में
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने एएनआई को बताया कि इस साल की तीसरी तिमाही के अंत तक, भारत को पांच अतिरिक्त निर्माताओं से टीके मिलेंगे। भारत वर्तमान में कोविशिल्ड और कोवैक्सिन का निर्माण करता है। अतिरिक्त वैक्सीन खुराक को लेकर नई रणनीति के बारे में बताते हुए एक सूत्र ने बताया, 'भारत में वर्तमान में स्थानीय रूप से निर्मित होने वाले 2 कोविड-19 टीके हैं: कोविशील्ड और कोवैक्सीन, और हम 2021 की तीसरी तिमाही तक पांच और टीकों की उम्मीद कर सकते हैं। ये टीके हैं- स्पुतनिक वी वैक्सीन (डॉ. रेड्डी लैब के सहयोग से) हैं। जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन (बायोलॉजिकल ई के सहयोग से), नोवावैक्स वैक्सीन (सीरम इंडिया के सहयोग से), ज़ाइडस कैडिला का वैक्सीन, और भारत बायोटेक का इंट्रानैसल वैक्सीन।'
इन भारतीय कंपनियों के साथ किया है करार
विभिन्न नैदानिक और पूर्व-नैदानिक चरणों में लगभग 20 कोविड-19 टीकों में से, स्पुतनिक-V वैक्सीन को पहले स्थान मिलेगा और उम्मीद है कि स्पुतनिक को अगले दस दिनों के भीतर ईयूए मिलने की संभावना है।रसियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने इस वैक्सीन खुराक के उत्पादन के लिए हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, हेटेरो बायोफार्मा, ग्लैंड फार्मा, स्टेलिस बायोफार्मा और विच्रो बायोटेक जैसे भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनियों के साथ करार किया है। देश में 850 मिलियन खुराक की उत्पादन क्षमता के साथ, स्पुतनिक वी कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एक अहम सहयोग प्रदान करेगा।
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