Indo-China Talk: सैनिकों की पूरी तरह से वापसी के 'रोडमैप' को लेकर भारत-चीन सैन्य कमांडरों की अहम बैठक

देश
रवि वैश्य
Updated Jul 14, 2020 | 08:18 IST

Lt General-level talks:भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच एक बैठक हो रही है,जिसमें अभी तक सैन्य वापसी के लिए जो कदम उठाये गये हैं उसकी समीक्षा के साथ आगे के कदम को लेकर चर्चा होनी है।

 East Ladakh dispute High level talks between India-China military commanders on Tuesday in Chushul 
भारतीय पक्ष पूर्वी लद्दाख के सभी क्षेत्रों में पांच मई से पहले की यथास्थिति बहाल करने पर जोर दे रहा है  
मुख्य बातें
  • भारतीय और चीनी सेना के वरिष्ठ कमांडरों के चौथे दौर की अहम बातचीत
  • PLA की गोग्रा, हॉट स्प्रिंग्स और गलवान घाटी से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी
  • पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच सैन्य तनाव तेजी से घटा है

लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर तनाव के बीच भारत ने अपनी सैन्य शक्ति के साथ-साथ बेहतरीन कूटनीति से चीन (China) को बैकफुट पर ला दिया है, पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच सैन्य तनाव तेजी से घटा है और कई मोर्चो से दोनों देशों की तरफ सै सैनिकों की वापसी चल रही है। 'समयबद्ध' तरीके से तनाव घटाने और सैनिकों के पीछे हटने के लिए तौर-तरीका तय करने के वास्ते भारतीय और चीनी सेना के वरिष्ठ कमांडरों के चौथे दौर की बातचीत आज है, दोनो देशों के बीच यह सैन्य स्तरीय चौथी वार्ता होगी।

इसके साथ ही विदेश मंत्रालय के स्तर पर भी बातचीत हो चुकी है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के भारतीय हिस्से में चुशुल में यह बैठक हो रही है।इसमें पैंगोग सो और देपसांग में पीछे हटने की प्रक्रिया के दूसरे दौर को शुरू करने के साथ ही समयबद्ध तरीके से पिछले बेस से सैनिकों और अन्य सैन्य उपकरणों को हटाए जाने पर फोकस रहेगा।

भारतीय पक्ष पूर्वी लद्दाख के सभी क्षेत्रों में पांच मई से पहले की यथास्थिति बहाल करने पर जोर देगा।दोनों पक्षों द्वारा ऊंचाई वाले क्षेत्र में अमन-चैन बहाल करने के खाके को भी अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है।

हॉट स्प्रिंग्स और गलवान घाटी से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) गोग्रा, हॉट स्प्रिंग्स और गलवान घाटी से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर चुकी है और पिछले एक सप्ताह में उसने पैंगोग सो इलाके में फिंगर फोर के पास सैनिकों की संख्या घटायी है। भारत जोर दे रहा है कि चीन फिंगर फोर और फिंगर एट के बीच के इलाकों से सुरक्षा बलों को हटाए।राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच करीब दो घंटे की टेलीफोन वार्ता के बाद सैनिकों के पीछे हटने की औपचारिक प्रक्रिया पिछले सोमवार को शुरू हुई थी।

शुक्रवार को भारत और चीन के बीच राजनयिक स्तर की वार्ता हुई । इस दौरान दोनों पक्षों ने अमन-चैन बहाल करने के लिए पूर्वी लद्दाख में समयबद्ध तरीके से 'सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने' की प्रक्रिया पर आगे बढ़ने का फैसला किया।बैठक में फैसला किया गया कि दोनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडर पूरी तरह पीछे हटने और तनाव घटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए 'जल्द' चर्चा करेंगे ।दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर तीन दौर की वार्ता हो चुकी है और अंतिम बैठक 30 जून को हुई थी। इस बैठक में दोनों पक्ष गतिरोध दूर करने के लिए प्राथमिकता के साथ जल्द, चरणबद्ध और क्रमिक तरीके से तनाव घटाने पर सहमत हुए थे।

भारत के 20 सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद तनाव बढ़ गया था

लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहली वार्ता छह जून को हुई थी। इस दौरान दोनों पक्ष गलवान घाटी से शुरूआत करते हुए टकराव के सभी स्थानों से धीरे-धीरे पीछे हटने पर राजी हुए थे। दूसरे दौरे की वार्ता 22 जून को हुई थी।भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पांच मई से ही पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर तनाव गहरा गया। इसके बाद गलवान घाटी में भारत के 20 सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद यह तनाव और बढ़ गया । चीनी सेना को भी नुकसान हुआ लेकिन उसने इस बारे में कुछ नहीं बताया है। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के 35 सैनिक हताहत हुए।

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