हिमाचल में चीन की सीमा से कुछ ही दूरी पर भारतीय सेना, अमेरिकी स्पेशल फोर्सेस के साथ युद्धाभ्यास कर रही है। व्रज प्रहार नाम के इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों की सेनाएं अत्याधुनिक हथियारों के साथ-साथ कई तरीके के युद्ध कौशल का अभ्यास कर रही है।
इसी अभ्यास का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें दोनों देशों की सेनाएं एरियल इंसर्शन और कॉम्बैट फ्रीफॉल का अभ्यास करते दिख रहे हैं। इसमें जवान एक हेलीकॉप्टर से पैराशूट के सहारे आसमान से कूदते दिख रहे हैं, साथ ही ही हथियारों को भी पैराशूट के सहारे तय लोकेशन पर गिराया जा रहा है। यह नीति किसी भी युद्ध के समय काफी कारगार होती है।
व्रज प्रहार नाम का यह युद्धाभ्यास भारत और अमेरिका के बीच पिछले कई सालों से चल रहा है। दोनों देश बारी-बारी से इसकी मेजबानी करते हैं। एक साल यह अभ्यास अमेरिका में होता है दूसरे साल भारत में। इस साल भारत में यह अभ्यास आठ अगस्त से चल रहा है। 21 दिनों तक यह युद्धाभ्यास चलेगा। भारत के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के विशेष बलों के बीच मजबूत कड़ी स्थापित करना है, उनके तालमेल में सुधार लाना है।
इस दौरान दोनों देशों की सेनाएं संयुक्त रूप से कई विशेष ऑपरेशन्स की तैयारी करेगी। इस दौरान ट्रेनिंग, योजना बनाना और उसे अंजाम देने का अभ्यास शामिल है। इसमें आतंकवाद विरोधी अभियान, एयर-बोर्न ऑपरेशन का अभ्यान किया जा रहा है।
इस अभ्यास के खत्म होने के एक महीने बाद, दोनों देशों की सेनाएं एक बार फिर से एक और अभ्यास में भाग लेगी। अक्टूबर में उत्तराखंड के औली में दो सप्ताह से अधिक लंबा सैन्य अभ्यास चलेगा, जिसमें अमेरिका और भारत की सेनाएं भाग लेंगी। रिपोर्टों के अनुसार यह युद्धाभ्यास 14-31 अक्टूबर तक होगा। यह भारत-अमेरिका संयुक्त सैन्य अभ्यास का 18वां संस्करण होगा।
माना जा रहा है कि जिस तरह से दुनिया भार में चीन के कारण सुरक्षा का खतरा पैदा हो रहा है, उसे लेकर दोनों देशों की सेनाएं यह युद्धाभ्यास कर रही हैं।
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