CDS : कब और कौन भरेगा 6 महीने से खाली पड़ा सीडीएस का पद  

देश
शिवानी शर्मा
Updated May 30, 2022 | 16:53 IST

Indian Army : रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अब सर्विसेस के भीतर भी इस देरी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जानकारों के मुताबिक सरकार सीडीएस के पद में कई बदलाव करना चाहती है। रिस्ट्रक्चरिंग, री-लुक और  रीथिंकिंग के साथ वह सीडीएस का सही दावेदार तलाश रही है।

Indian Army : When and who will fill post of CDS lying vacant for six months
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद थियेटर कमान बनने की प्रक्रिया धीमी पड़ गई है।  |  तस्वीर साभार: PTI

देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के 6 महीने बीतने के बाद एक बार फिर रक्षा मंत्रालय में सीडीएस के एलान को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना के प्रमुख के साथ-साथ टॉप कमांडरों की सूची तलब की है। माना जा रहा है कि सरकार 6 महीने से खाली इस पद को भरने के लिए कवायद में जुटी है ।

सन 1999 में कारगिल युद्ध के बाद बनी कमेटी ने सिफारिश की थी कि देश की सेनाओं को संयुक्तता की ज़रूरत है। इसी ज्वाइंटनेस और तालमेल के लिए सीडीएस के पद की परिकल्पना हुई। इस फैसले के 19 सालों बाद देश को उसका पहला सीडीएस मिला। जनरल बिपिन रावत ने सीडीएस रहते हुए सेना नौसेना और वायु सेना के बीच तालमेल बनाने की कोशिश तो की ही, साथ ही थियेटरायजेशन की प्रक्रिया को भी तेजी दी। देश की सेनाओं की 17 अलग-अलग कमांड्स को चार कमांड्स में समेटने और तीनों सेनाओं के बीच जॉइंटनेस के लिए तमाम स्टडीज, रिसर्च और उनके क्रियान्वयन पर काम किया गया। जनरल रावत के टारगेट के मुताबिक इसी साल अब तक 2 थिएटर कमांड अपना स्वरूप ले चुके होते लेकिन जानकारों के मुताबिक पिछले 6 महीने से देश के सीडीएस का पद खाली होने की वजह से थियेटरायजेशन का काम धीमा पड़ चुका है। कई प्रक्रियाएं सीडीएस की गैर मौजूदगी की वजह से प्रभावित भी हुई हैं।

नियुक्ति में देरी को लेकर उठ रहे हैं सवाल
रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अब सर्विसेस के भीतर भी इस देरी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जानकारों के मुताबिक सरकार सीडीएस के पद में कई बदलाव करना चाहती है। रिस्ट्रक्चरिंग, री-लुक और  रीथिंकिंग के साथ वह सीडीएस का सही दावेदार तलाश रही है। पिछले 6 महीने में कई बार सीडीएस के नामों पर चर्चा हुई, लेकिन एलान ना हो सका। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक सीडीएस के चयन में होने वाली देरी ज्वाइंटनेस के लिए ठीक नहीं है, लिहाजा सरकार एक बार फिर से सीडीएस की तलाश में जुट गई है।

रक्षा मंत्रालय ने मांगा दावेदारों का ब्यौरा
Times Now नवभारत को मिली Exclusive जानकारी के मुताबिक पिछले हफ्ते, रक्षा मंत्रालय ने तीन-सेवा मुख्यालयों को 1 जनवरी, 2020 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले सभी प्रमुखों और सी-इन-सी के विवरण के साथ वर्तमान प्रमुख और सेवारत कमांडर-इन-चीफ के व्यक्तिगत विवरण की एक सूची प्रस्तुत करने के लिए कहा। रक्षा मंत्रालय अपने डेटा बैंक को अपग्रेड करना चाहता है और यह अनुमान भी लगाया जा रहा है कि मोदी सरकार जल्द ही अगला सीडीएस नियुक्त कर सकती है। यह साउथ ब्लॉक में एक गहन चर्चा का विषय बन गया है।

कौन होगा देश का नया सीडीएस
संभावना है कि अगला सीडीएस, भारतीय सेना से होगा, मोदी सरकार सभी पृष्ठभूमि की जांच करेगी ताकि अगला सीडीएस जनरल रावत का एक सक्षम उत्तराधिकारी हो और सेना को बदलने में विश्वास रखता हो। सरकार स्पष्ट है कि अगले सीडीएस के पास सशस्त्र बलों के भीतर साइलो को काटने और प्रस्तावित सैन्य थिएटर कमांड के माध्यम से संचालन में तालमेल बिठाने का दबदबा होना चाहिए।

क्या हैं सीडीएस की चुनौतियां
सेना के भीतर समस्या यह है कि कोई भी प्रमुख नहीं चाहता है कि प्रस्तावित थिएटर कमांडरों के पक्ष में अपनी जबरदस्त शक्तियों को कम किया जाए और भारतीय सेना को अधिक प्रतिक्रियाशील और शक्तिशाली बनाने के लिए विभिन्न थिएटर कमांडों के बीच अपनी सैन्य संपत्ति का विभाजन किया जाए। जनरल रावत को तीन साल के भीतर तीनों सेनाओं के बीच ज्वाइंटनैस लाने की जिम्मेदारी दी गई थी। नए सीडीएस की नियुक्ति के साथ यह रोड मैप रोल आउट किया जा सकता है और थियेटर कमान की बहुप्रतीक्षित रुपरेखा साकार हो सकती है।

सेनाओं की संयुक्त वार स्ट्रेटेजी तैयार करने का काम भी नए सीडीएस की नियुक्ति के बाद ही पूरा हो सकेगा। इंटीग्रेटेड हेडक्वार्टर से सेना, वायुसेना और नौसेना मुख्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी वॉर स्ट्रेटेजी का खाका सैन्य मामलों के विभाग को सौंप दें। वायु सेना के ब्लू, नौसेना के नेवी ब्लू और सेना के ग्रीन डाक्ट्रिन के आधार पर तीनों सेनाओं की संयुक्त वॉर स्ट्रेटेजी के लिए वायलेट बुक तैयार होगी।

कैसे होंगे नए थियेटर कमान
एयर डिफेंस कमान: ड्रोन जैसे छोटे हवाई यान से लेकर मिसाइल तक के हमले को नाकाम करने के लिए पूरे देश में एकछत्र कमान होगी जो एक ही कमांडर के तहत काम करते हुए भारत के आकाश को सुरक्षित रखने का जिम्मा संभालेगी।

साइबर कमान: यह तीनों सेनाओं के साइबर स्पेस का मैनेजमेंट करेगी, देश को साइबर हमलों से बचाएगी।
 
मैरीटाइम कमान यानी समुद्री कमान: यह पूरे हिंद महासागर की सुरक्षा का जिम्मा देखेगी। इसमें पूर्वी और पश्चिमी तट के सागर और द्वीप समूह की सुरक्षा शामिल है। इस कमान के साए में अनेक संगठन, मंत्रालय और एजेंसियां होंगी। जहाजरानी मंत्रालय से लेकर विभिन्न राज्यों की तटीय पुलिस और भारतीय तटरक्षक बल, नौसेना और समुद्री संसाधनों से जुड़े तमाम संगठन इसके तहत होंगे।

पश्चिमी थियेटर कमान: यह पाकिस्तान के खतरे से निपटेगी।

उत्तरी थियेटर कमान: यह चीनी खतरे का सामना करेगी। फिलहाल नार्दन कमान के वर्तमान ढांचे और अधिकार क्षेत्र को नहीं बदला जाएगा जहां पूर्वी लद्दाख में पीएलए की हिमाकत को नाकाम करने के लिए सेना की बराबरी की तैनाती सुनिश्चत की जा रही है।

पहले  सीडीएस की देखरेख में आजादी के 75वें वर्ष में थिएटर कमांड की घोषणा और संचालन की योजनाएं थीं जो अब नए सीडीएस की नियुक्ति के बाद ही पूरी हो सकेंगी।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर