नई दिल्ली: भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर ने जो तबाही मचा रही है, वह हैरान और परेशान कर देने वाली है। और जैसे-जैसे इस पर महामारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहने वालों पर भी असर पड़ रहा है। प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल से लेकर कई डॉक्टर्स ने पिछले कुछ हफ्तों में वायरस के कारण दम तोड़ दिया है, जिससे महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारी कमी आई है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि देश भर में 400 से अधिक डॉक्टरों ने महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोविड-19 संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया है। IMA के अनुसार, कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान अब तक 420 डॉक्टरों की जान जा चुकी है और इनमें से 100 के खत्म होने की सूचना दिल्ली से मिली है।
डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि बिहार में कम से कम 96 और उत्तर प्रदेश में 41 डॉक्टरों की मौत हुई है। आईएमए के राज्य-वार आंकड़ों से पता चलता है कि गुजरात में कोविड-19 से 31, तेलंगाना में 20, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 16 डॉक्टरों ने दम तोड़ दिया है। महाराष्ट्र में कोरोना की चल रही दूसरी लहर में 15 डॉक्टरों की मौत देखी गई है।
सरकार के पास नहीं थे आंकड़े
कोविड की पहली लहर के दौरान 748 डॉक्टरों की मौत हुई थी। इस साल फरवरी में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा था कि देश में कोविड-19 के कारण 734 डॉक्टरों को अपनी जान गंवानी पड़ी और न कि सिर्फ 162 को जिस बारे में संसद को सूचित किया गया। सरकार ने सदन में कहा था कि पिछले साल भारत में बीमारी की शुरुआत के बाद से 22 जनवरी, 2021 तक कोविड-19 के कारण केवल 162 डॉक्टरों की मृत्यु हुई।
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