नई दिल्ली: कोच्चि में दक्षिणी नौसेना कमान (SNC) द्वारा डोर्नियर एयरक्राफ्ट पर भारतीय नौसेना के महिला पायलटों के पहले बैच का परिचालन किया गया। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि लेफ्टिनेंट दिव्या शर्मा, लेफ्टिनेंट शुभांगी और लेफ्टिनेंट शिवांगी अब डोर्नियर विमान के जरिए सभी समुद्री टोही अभियानों के लिए तैयार हैं। इन महिला पायलटों को नौसेना की दक्षिणी कमान ने आज डोर्नियर विमान के माध्यम से कार्य (मिशन के लिए तैयार) को अंजाम देने का दायित्व सौंपा। लेफ्टिनेंट दिव्या शर्मा (मालवीय नगर, नई दिल्ली से), लेफ्टिनेंट शुभांगी स्वरूप (तिलहर, उत्तर प्रदेश से) और लेफ्टिनेंट शिवांगी (मुजफ्फरपुर, बिहार से) पहले बैच की तीन प्रमुख पायलट हैं। तीनों महिला पायलट डॉर्नियर ऑपरेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग (DOFY) कोर्स का हिस्सा थीं, जिन्होंने परिचालन समुद्री टोही (MR) पायलट के रूप में स्नातक किया।
इन अधिकारियों ने शुरू में डीओएफटी पाठ्यक्रम से पहले आंशिक रूप से भारतीय वायु सेना के साथ और नौसेना के साथ उड़ान प्रशिक्षण शुरू किया था। एमआर फ्लाइंग के लिए परिचालन करने वाली तीन महिला पायलटों में लेफ्टिनेंट शिवांगी 02 दिसंबर 2019 को नौसेना पायलट के रूप में क्वालिफाई करने वाली पहली महिला थीं। 15 दिन बाद दो अन्य महिलाएं- लेफ्टिनेंट दिव्या शर्मा और लेफ्टिनेंट शुभांगी भी पायलट बन गई थीं।
दक्षिणी नौसेना कमांड के चीफ स्टाफ ऑफिसर (ट्रेनिंग) रियर एडमिरल एंटनी जॉर्ज ने पायलटों को अवॉर्ड दिए। कोर्स में एसएनसी के विभिन्न स्कूलों में आयोजित एक महीने का ग्राउंड ट्रेनिंग चरण शामिल था। बाद में डोर्नियर स्क्वाड्रन के साथ 8 महीनों की उड़ान की ट्रेनिंग दी गई। तीनों महिला पायलट 27वीं डॉर्नियर ऑपरेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग कोर्स के छह पायलटों में शामिल थीं।
महिला पायलट उड़ाएगी राफेल
इससे पहले हाल ही में खबर आई थी कि आधुनिक फाइटर जेट राफेल को उड़ाने की जिम्मेदारी बनारस की बेटी शिवांगी सिंह को मिली है। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से पढ़ीं शिवांगी भारतीय वायु सेना की राफेल स्क्वॉड्रन 'गोल्डन एरो' की पहली फीमेल फाइटर पायलट बनी हैं। शिवांगी ने 2017 में भी इतिहास रचा था जब वह वायु सेना में फाइटर विमान उड़ाने वाली पांच महिला पायलटों में शामिल हुई थीं।
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