नई दिल्ली। पुश और पुल तकनीक के जरिए घाट सेक्शन में रेल के सफल संचालन के जरिए भारतीय रेलवे ने एक और कामयाबी दर्ज कर ली। भारतीय रेलवे के लिए वो लम्हा बेहद ही खास था। दरअसल घाट सेक्शन में रेलगाड़ियों का संचालन पहले भी होता था। लेकिन अलग अलग तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। ना सिर्फ यात्रा में ज्यादा समय लगता था बल्कि सुरक्षा को भी खतरा रहता था। लेकिन अब घाट सेक्शन में पुल और पुश तकनीक के जरिए ट्रेन चलाकर उस बाधा को दूर कर दिया गया है। यहां हम आपको बताएंगे कि क्या होता है घाट सेक्शन।
यह होता है घाट सेक्शन
आम तौर पर घाट आपने नदियों के किनारे देखा होगा। जब हम ऊंचाई ने नदी की तरफ आते हैं कि तो गिरने से बचने के लिए घाटों का निर्माण होता है। इसी तरह पहाड़ी इलाकों में खासतौर से पश्चिमी घाट और अरब सागर के बीच की जमीन पर ढाल ज्यादा हैं। रेलवे ट्रैक अलग अलग ऊंचाई पर बनाए गए है। ऐसे में ट्रेन का सफर सिर्फ पुल तकनीक के जरिए सुरक्षित संभव नहीं होता है। इस तरह की दिक्कतों से निजात पाने के लिए पुश और पुल तकनीक पर खास ध्यान दिया गया।
कुछ महत्वपूर्ण घाट सेक्शन
कसारा
खंडाला
चालीसगांव
सत्यमंगलम
कसारा
भारतीय रेलवे ने जब पुश और पुल तकनीक के जरिए राजधानी को ट्रैक पर उतार दिया उसके बाद लोगों के जेहन में दो शब्द पुश और पुल तकनीक के साथ साथ घाट सेक्शन चर्चा में आ गया था। घाट सेक्शन से अगर आप यात्रा करें तो पश्चिम घाट की खूबसूरत वादियों का दीदार होता है।
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