नयी दिल्ली: कोरोना संकट काल के बीच भारतीय रेल (Indian Railway) जहां प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रही है वहीं इस बीच विभाग ने बड़ी उपलब्धि भी हासिल की है, देश के सबसे शक्तिशाली रेल (most powerful rail engine) का परिचालन शुरू हो गया। देश में विनिर्मित अब तक के सर्वाधिक शक्तिशाली 12000 अश्व शक्ति (hp) क्षमता के रेल इंजन का पहली बार उत्तर प्रदेश के दीन दयाल उपाध्याय और शिवपुर स्टेशनों के बीच सोमवार को वाणिज्यिक परिचालन हुआ।
फ्रांस की कंपनी एल्सतॉम द्वारा तैयार ये इंजन सर्वाधिक शक्ति वाले रेल इंजन हैं जो देश की पटरियों पर दौड़ेंगे। इसका विनिर्माण सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत बिहार के मधेपुरा जिले में स्थिर कारखाने में हुआ है।
अनुबंध के तहत 800 इंजनों का विनिर्माण देश में किया जा रहा है। इनका डिजाइन कंपनी के बेंगलुरू स्थित इंजीनियरिंग केंद्र में हुआ है।पहली ट्रेन 118 माल डिब्बों के साथ दोपहर 2.08 बजे दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन से धनबाद डिविजन के लिये रवाना हुई। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी इस उपलब्धि को लेकर ट्वीट किया है।
रेलवे ने कहा है, 'इंजन परंपरागत ओएचई लाइन के साथ-साथ मालगाड़ियों के लिये अलग से बनायी गयी उच्च ओएचई लाइन पर चलने में सक्षम है। इसमें इंजन के दोनों तरफ चालकों के लिये एयरकंडीशन केबिन है।' बयान के अनुसार, 'यह ‘रिजनरेटिव ब्रेकिंग’ प्रणाली से युक्त है। इससे परिचालन के दौरान ऊर्जा की अच्छी-खासी बचत होती है। उच्च अश्व शक्ति क्षमता के इंजन मालगाड़ियों की औसत गति बढ़ाकर पटरियों पर भीड़-भाड़ की स्थिति कम कर सकेंगे।'
रेलवे की सबसे बड़े प्रत्यक्ष विदेशी निवेश परियोजना के तहत रेल मंत्रालय और एल्सतॉम ने 2015 में 25,000 करोड़ रुपये संयुक्त उद्यम बनाने का समझौता किया था। परियोजना के तहत कंपनी मालगाड़ियों के 12000 एचपी के 800 इलेक्ट्रिक इंजन बनाएगी अैर 11 साल तक उसके रखरखाव से जुड़ी रहेगी।
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