भविष्य के युद्ध के लिए तैयार हो रहा भारत, युद्ध की शक्ल बदल देगा HAL का धातक वॉरियर ड्रोन

समझा जाता है कि तीन से पांच साल के बीच वॉरियर ड्रोन की पहली खेप के तैयार हो जाएगी। भविष्य के युद्ध परंपरागत तरीके से नहीं बल्कि उन्नत तकनीक वाले हथियारों से लड़े जाएंगे।

India's HAL new Warrior Drone will be a befetting reply to adversaries
युद्ध की शक्ल बदल देगा HAL का धातक वॉरियर ड्रोन।  |  तस्वीर साभार: Twitter

नई दिल्ली : बदलते समय के साथ युद्ध के तौर-तरीके बदल रहे हैं। माना जाता है कि आने वाला समय साइबर और स्पेस युद्ध का होगा। यानि जिसके पास जितनी उन्नत तकनीकी होगी वह देश युद्ध लड़ने में उतना ही महारथी होगा। भविष्य के युद्धों के स्वरूप को देखते हुए भारत अपनी तैयारी में जुटा है। सेना की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डीआरडीओ (DRDO)और हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (HAL) उसके लिए आधुनिक एवं जटिल तकनीक पर आधारित मिसाइलें, फाइटर प्लेन और ड्रोन का निर्माण कर रहे हैं। बेंगलुरु में इस समय एरो इंडिया शो-2021 चल रहा है। यहां डीआरडीओ और एचएल की ओर से विकसित किए जा रहे भारत के भविष्य के हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई है। 

स्वदेसी कार्यक्रम कैट्स का हिस्सा है यह ड्रोन 
इस प्रदर्शनी में एचएएल की ओर से विकसित किए जा रहे वॉरियर ड्रोन (Warrior Drone) ने सबका ध्यान खींचा है। वॉरियर ड्रोन मानव और मानव रहित ड्रोन के बीच का बेहतरीन मिश्रण है। वॉरियर ड्रोन स्वदेशी कार्यक्रम कॉमबैट एयर टीमिंग सिस्टम (CATS)का हिस्सा है। वॉरियर ड्रोन को इस तरह से डिजायन किया गया है ताकि इसे हल्के लड़ाकू विमान तेजस के साथ उड़ाया जा सके। यह युद्ध के मौदान में यह तेजस और उसके पायलट की सुरक्षा करेगा। 

तीन से 5 साल में तैयार होगा वॉरियर ड्रोन
समझा जाता है कि तीन से पांच साल के बीच वॉरियर ड्रोन की पहली खेप के तैयार हो जाएगी। भविष्य के युद्ध परंपरागत तरीके से नहीं बल्कि उन्नत तकनीक वाले हथियारों से लड़े जाएंगे। इसे देखते हुए भारत ने अपनी तैयारी बहुत पहले शुरू कर दी है। वह ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (IA) का इस्तेमाल करने वाले हथियारों का निर्माण कर रहा है। वॉरियर ड्रोन इस तरह के हथियार का एक बेहतरीन नमूना है। कैट्स अभियान के तहत सेना के लिए अगली पीढ़ी के विमान और हथियार विकसित किए जा रहे हैं। 

इसमें लगाई जाएंगी घातक मिसाइलें
वॉरियर ड्रोन बनाने का मकसद वायु सेना के मिशन को सफल बनाना, पायलट को सुरक्षा देना और दुश्मन को भारी क्षति पहुंचाना है। दुश्मन को भारी क्षति पहुंचाने के लिए ड्रोन वॉरियर में घातक मिसाइलें लगाई जाएंगी। ये ड्रोन हवा से हवा और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस होंगे। वॉरियर पूरी तरह से स्टील्थ विमान नहीं है। इसलिए रडार की पकड़ में आने से बचाने के लिए इसे लो ऑब्जर्वर प्लेटफॉर्म पर तैयार किया जा रहा है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि युद्ध के समय वॉरियर ड्रोन दुश्मन पर बढ़त लेते हुए भारत का पलड़ा भारी कर देंगे।    

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