नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की बात करें तो पूरी दुनिया में 20 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं और 1 लाख से ज्यादा लोग काल के गाल में समा चुके हैं। विकसित देशों खासतौर से अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और स्पेन की कमर टूट चुकी है। इन देशों नें शवों को पोस्टमार्टम हाउस में रखने की जगह कम पड़ चुकी है। इन देशों में टेस्ट की क्या तस्वीर है इसे आईसीएमआर के जानकार इस तरह देखते हैं।
टेस्ट के मामले में भारत विकसित देशों से आगे
आईसीएमआर के डॉक्टक रमन आर गंगाखेडकर कहते हैं कि जापान में एक कोरोना पॉजिटिव शख्स की पहचान के लिए 11.7 लोगों का टेस्ट किया जा रहा है, इटली नें 6.7 लोगों पर, यूके में 5.3 पर टेस्ट हो रहा है। लेकिन भारत में एक कोरोना पॉजिटिव शख्स की पहचान के लिए 24 लोगों का टेस्ट किया जा रहा है। अब सवाल ये है कि इसका अर्थ क्या है। जानकार कहते हैं कि अभी भारत में जितने टेस्ट हुए हैं उसका अनुपात देखें तो वो 24: 1 का आता है। इसके साथ इसका अर्थ यह है कि उन देशों की तुलना में भारत में इसकी आशंका कम यहां पर कम्यूनिटी स्प्रेड हुआ हो।
तो क्या दोबारा नहीं होगा कोरोना
प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईसीएमआर के विशेषज्ञ से सवाल किया गया है कि अगर एक बार कोरोना को हरा दिया गया तो क्या दूसरी बार यह वायरस हमला नहीं करेगा। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसी शख्स की शरीर में एंटी बॉडी होने का अर्थ यह नहीं है कि वायरस हमला नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट को शुरुआती पहचान के लिए नहीं किया जाता है, जबकि इसके जरिए सर्विलांस किया जाता है। इस बीच जानकारी आई है कि सरकार ने 325 जिलों तो कोरोना संक्रमण मुक्त बताया है।
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