CAA पर मलेशियाई पीएम को भारत का जवाब- 'बिना तथ्य जांचे आंतरिक मामले में न दें दखल'

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Updated Dec 22, 2019 | 17:02 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

India's reply to Malaysia on CAA: नागरिकता कानून में संशोधन पर मलेशिया के प्रधानमंत्री की टिप्पणी को लेकर भारत ने आपत्ति जाहिर की है। साथ ही तथ्यों की जांच किए बिना बयान देने से परहेज करने के लिए कहा है।

India reply to Mahathir Bin Mohamad
मलेशियाई प्रधानमंत्री को भारत का जवाब 
मुख्य बातें
  • CAA पर बोले थे मलेशियाई पीएम- धर्मनिरपेक्षता का दावा करने वाला भारत, कुछ मुसलमानों को नागरिकता से वंचित कर रहा है
  • विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब- बयान देने से पहले करें तथ्यों की सही जांच, आंतरिक मामले में न दें दखल

नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को मलेशियाई प्रधानमंत्री की 'तथ्यात्मक रूप से गलत' टिप्पणी के जवाब में कहा- नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 'भारत के लिए पूरी तरह से आंतरिक मामला है' और किसी भी नागरिक की स्थिति को प्रभावित नहीं करता है।हाल ही में देश में नागरिकता कानून पर किए गए संशोधन पर मलेशियाई पीएम महाथिर बिन मोहमद ने टिप्पणी की थी।

एमईए के बयान के मुताबिक, 'मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मलेशिया के प्रधानमंत्री ने फिर से एक ऐसे मामले पर टिप्पणी की है जो भारत के लिए पूरी तरह से आंतरिक है। सीएए ने तीन देशों से सताए जाने वाले अल्पसंख्यक गैर-नागरिकों के लिए नागरिकता प्रक्रिया तेज करने के लिए प्रावधान किया है। यह एक सामान्य बात है।'

बयान में आगे कहा गया, 'सीएए किसी भी भारतीय नागरिक की स्थिति को प्रभावित नहीं करता है या किसी भी भारतीय को उसकी नागरिकता से वंचित नहीं करता है। मलेशियाई पीएम की टिप्पणी तथ्यात्मक रूप से गलत है। हम मलेशिया से बिना तथ्यों की सही समझ के भारत में आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने से परहेज करने की सलाह देते हैं।'

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, शुक्रवार को कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन 2019 के मौके पर बोलते हुए मलेशियाई प्रधानमंत्री ने 70 साल से एक साथ रह रहे भारतीयों के बीच नागरिकता अधिनियम की 'जरूरत' पर सवाल उठाया।

मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा, 'मुझे यह देखकर खेद है कि भारत, जो एक धर्मनिरपेक्ष राज्य होने का दावा करता है, अब कुछ मुसलमानों को उनकी नागरिकता से वंचित करने की कार्रवाई कर रहा है।' उन्होंने कहा, 'अगर हम यहां ऐसा करते हैं, तो मुझे नहीं पता कि क्या होगा। अराजकता और अस्थिरता होगी और हर कोई पीड़ित होगा।'

भारत ने इस बात पर जोर दिया कि यह मामला पूरी तरह से भारत के लिए 'आंतरिक' है और मलेशिया को 'तथ्यों की सही समझ के बिना टिप्पणी करने से परहेज करने' के लिए कहा।

गौरतलब है कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक इस महीने की शुरुआत में संसद में पारित किया गया था और 12 दिसंबर को राष्ट्रपति की सहमति के साथ यह एक अधिनियम बन चुका है।

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