INS Vikrant : और अब बात चीन के डर की, पाकिस्तान के भय की। जैसा कि हम सब जानते हैं कि शक्तिशाली INS विक्रांत भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो चुका है। इससे हर हिंदुस्तानी गदगद है। कई बड़े देश विक्रांत की तारीफें कर रहे हैं। लेकिन चीन और पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। सुपरपावर होने का दम भरने वाला ड्रैगन तो दहशत से भरा हुआ है। सवाल ये है कि आखिर क्यों। आइए समझते हैं। विहंगम, विराट, समंदर का सम्राट, विक्रांत। भारतीय नौसेना को जैसे ही ये नई और स्वदेशी शक्ति हासिल हुई, दुश्मनों के सीने पर सांप लोटने लगा। चीन जो खुद को सुपरपावर कहता है, वो बौखला गया। पाकिस्तान में तो भारत के इस बाहुबली ने खलबली मचा दी।
सड़क से लेकर टीवी स्टूडियो तक पाकिस्तान में हो रही बहस देखिए और दुश्मन मुल्क की टेंशन कितनी हाई है उसे समझिए। तो पाकिस्तान और पाकिस्तानी परेशान हैं। अपनी हुकूमत को कोस रहे हैं, तो चीन चिंता से भरा हुआ है। चीन भारत की इस सफलता से खुश नहीं हुआ। यही वजह है कि पहले तो चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने तीसरे विमानवाहक पोत टाइप 003 फुजियान से तुलना कर विक्रांत की खिल्ली उड़ाने की कोशिश की। बाद में उसने अपना स्टैंड बदलते हुए पश्चिमी देशों को लेकर भारत को समझाइश दे डाली।
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ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा कि भारत को पश्चिम देशों की चापलूसी से सतर्क रहना चाहिए। पश्चिमी देश भारतीय एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के प्रमुख लक्ष्यों के रूप में चीनी नौसेना को पेश कर रहे हैं। वो भारत और चीन के बीच तनाव को भड़काना चाहते हैं। इससे भारतीय जनता के बीच चीन को लेकर एक राय कायम होगी और सरकार पर बीजिंग विरोधी फैसले लेने का दवाब बढ़ेगा।
जाहिर है पाकिस्तान का परेशान होना लाजिमी है क्योंकि विक्रांत ने उसे और ताकतवर बना दिया है। चीन की टेंशन इसलिए है क्योंकि विक्रांत को बनाकर भारत उसके बराबर खड़ा हो गया है। क्योंकि अब यही विक्रांत उसकी साजिशों को समंदर में मिलाएगा।
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