Rajyasabha: क्या कांग्रेस कर रही है तोलमोल की राजनीति, सरकार और सभापति के सामने रखी दो शर्त

देश
ललित राय
Updated Sep 22, 2020 | 11:04 IST

Monsoon Session: राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलामनबी आजाद ने कहा कि सरकार और सभापति उनकी दो मांगों को मान ले, सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने का वो भरोसा देंगे।

Rajyasabha: क्या कांग्रेस कर रही है तोलमोल की राजनीति, सरकार और  सभापति के सामने रखी दो शर्त
गुलामनबी आजाद, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष 
मुख्य बातें
  • आठ विपक्षीं सांसदों के निलंबन पर राज्यसभा में हंगामा, कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही का किया बहिष्कार
  • कांग्रेस ने विपक्षी सांसदों के निलंबन को खत्म किये जाने की मांग की
  • कांग्रेस ने प्राइवेट प्लेयर्स के लिए एमएसपी के नीचे खरीद नहीं करने के लिए बिल लाने की मांग की

नई दिल्ली। कृषि बिल संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है। लेकिन विपक्ष का हंगामा जारी है। राज्यसभा में विपक्ष के आठ सांसदों के व्यवहार को सभापति ने संसदीय परंपरा के अनुकूल नहीं माना और उन्हें पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया। मंगलवार को जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई एक बार फिर कृषि बिल और निलंबित सांसदों का मु्द्दा गरमाया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलामनबी आजाद ने दो महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया। 

सदन की कार्यवाही के लिए कांग्रेस की शर्त
राज्यसभा में गुलामनबी आजाद ने कहा कि जब तक आठों सांसदों के निलंबन के साथ साथ सरकार यह बिल नहीं लाती है जिसमें प्रावधान हो कि कोई भी प्राइवेट प्लेयर एमएसपी के नीचे जाकर खरीद नहीं कर सकता तब तक विपक्ष सदन का बहिष्कार करेगा। उन्होंने कहा कि सदन में जो कुछ हुआ उससे कोई खुश नहीं है। लेकिन जनता अपने नेताओं को सुनना चाहती है। कोई भी शख्स 2 या तीन मिनट के अंदर अपने नजरिए को नहीं रख ससता है। अगर सभी सांसदों को बोलने के लिए पर्याप्त मौका मिले तो सदन में 90 फीसद विवादों में कमी आएगी। 

सांसदों के निलंबन से खुश नहीं लेकिन..
कांग्रेस के नेता जब राज्यसभा में सांसदों के निलंबन के साथ अपनी बात रख रहे थे तो राज्यसभा के सभापति ने कहा कि सांसदों के निलंबन से वो भी खुश नहीं हैं। लेकिन जिस तरह का बर्ताव किया गया था क्या वो सही था। आखिर जनप्रतिनिधि वो भी संसद के ऊपरी सदन के क्या संदेश देना चाहते हैं। वो चाहते हैं कि सदन में हर विषय पर सार्थक चर्चा हो, आखिर हाउस का मतलब भी तो यही होता है। 

'एमएसपी कभी खत्म नहीं की जाएगी'
कृषि बिल से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि एमएसपी किसी भी सूरत में न तो खत्म की जा रही है और ना ही ऐसा होगा। वो किसानों की भलाई के बारे में सोचते हैं, किसी ऐसे निर्णय को न तो लेने और ना ही अमलीजामा पहनाया जाएगा जो किसानों के हित में ना हो। इसके साथ यह भी कहा कि मंडियों या मंडी एक्ट को भी समाप्च नहीं किया जाएगा। इसके उलट उन्होंने सवाल दागा कि जो लोग आज किसानों के हितैषी बने हुए हैं आखिर उन लोगों ने क्या किया। सिर्फ सियासी फायदे के लिए किसानों को भड़काया जा रहा है। लेकिन देश समझदार किसान इस विपक्ष के भ्रमजाल का शिकार नहीं होगा।

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