क्या एनडीए सरकार में ईडी ज्यादा सक्रिय, ये हैं कुछ आंकड़े

नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी और सोनिया गांधी दोनों लोगों को पेश होना है। राहुल गांधी को 2 जून को पेश होना था और सोनिया गांधी को 8 जून को पेश होना है। राहुल गांधी पेश नहीं हुए। इन सबके बीच बताएंगे कि यूपीए और एनडीए सरकार के दौरान ईडी की कार्रवाई में कितना फर्क है।

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एनडीए सरकार में ईडी यूपीए सरकार से ज्यादा सक्रिय 

पिछले कुछ महीनों से प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी पर बहुत आरोप लग रहे हैं कि वो सरकार के इशारे पर नेताओं को फंसा रही है। कल ही कांग्रेस ने आरोप लगाए थे कि ईडी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जो समन भेजा है वो राजनैतिक वजहों से भेजा गया। राहुल गांधी को आज पेश होना था और सोनिया गांधी 8 जून को पेश होना था। लेकिन सोनिया गांधी को कोरोना हो गया है। और राहुल गांधी अभी बाहर हैं। इसलिए दोनों की पेशी कब होगी। इस पर तस्वीर अभी साफ नहीं है।ईडी जब भी एक्शन लेती है तो उस पर ये कहकर राजनीति होती है कि वो सरकार के इशारे पर ऐसा कर रही है। लेकिन सिर्फ राहुल गांधी या सोनिया गांधी की बात नहीं है। हाल ही में कई बड़े नेताओं के खिलाफ ईडी ने एक्शन लिया है।

इन लोगों से हुई है पूछताछ
सत्येंद्र जैन, दिल्ली सरकार में मंत्री, हवाला मामले में ईडी ने अरेस्ट किया था। फारुख अब्दुल्ला, पूर्व सीएम, जम्मू कश्मीर, 31 मई को ईडी ने 3 घंटे पूछताछ की, मामला था- जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में वित्तीय गड़बड़ी के आरोप हैं। चरणजीत सिंह चन्नी, पूर्व सीएम, पंजाब से अवैध खनन मामले में अप्रैल में ईडी की पूछताछ हुई। अभिषेक बनर्जी, ममता बनर्जी के भतीजे हैं। मार्च में ईडी ने कोयला घोटाले मामले में पूछताछ की।नवाब मलिक, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 23 फरवरी को ईडी ने अरेस्ट किया था।

2014 के बाद ईडी की कार्यपद्धति में बदलाव
ईडी पहले कैसे काम करती थी और 2014 के बाद से कैसे काम कर रही है। आज हम इसका टेस्ट करेंगे। इसके लिए हमने ईडी की सालाना रिपोर्ट्स को खंगाला। इन रिपोर्ट्स को खंगालने पर हमें जो आंकड़े मिले। वो चौंकाने वाले हैं।ED का एक्शन- संपत्ति जब्त 2005 से 2014 तक- मनमोहन सरकार
हर साल औसतन 534 करोड़ रुपये, 2014 से 2022- मोदी सरकार में हर साल औसत 11,929 करोड़ रुपये। यानी प्रॉपर्टी सीज करने का मामले 22 गुना बढ़ गए। यानी ईडी ज्यादा सक्रिय है और ज्यादा काम कर रही है। अगर ईडी तोता होती तो इतनी तेजी से काम नहीं होता

कुछ और खास आंकड़े
2005 से 2014 तक- मनमोहन सरकार
ईडी की कुल छापेमारी - 112
कुल प्रॉपर्टी जब्त - 5346 करोड़
शिकायत पर एक्शन - 104 

2014 से 2022 तक- मोदी सरकार 
कुल छापेमारी - 2,974
कुल प्रॉपर्टी जब्त - 95,432 करोड़
शिकायत पर एक्शन - 839

ईडी तीन आधार पर एक्शन लेती है। इसमें एक आधार है-Prevention of Money Laundering Act, 2002। ये एक्ट 2005 में लागू हुआ।

PMLA के तहत केस दर्ज

जुलाई 2005 से 31 मार्च 2014 तक यूपीए के 9 साल - 1867 केस दर्जअप्रैल 2014 से 30 नवंबर, 2021 तक मोदी सरकार के 8 साल- 2770 केस दर्ज। सिर्फ अप्रैल 2021 से 30 नवंबर 2021 के बीच ED ने 8989 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। जो यूपीए सरकार के 10 साल के मुकाबले कहीं ज्यादा है।

ED की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक साल दर साल Enforcement Directorate की सक्रियता बढ़ गई है। PMLA के तहत साल 2016-17 में एजेंसी ने 4567 समन भेजे, छापेमारी की 226 कार्रवाई हुई और 31 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।2019-20 में 10688 लोगों को समन भेजा गया, छापेमारी की 335 कार्रवाई हुई और 41 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। 2020-21 में 12173 लोगों को समन भेजा गया, छापेमारी की 596 कार्रवाई हुई और 78 लोग गिरफ्तार किए गए।
 

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