नई दिल्ली : देश में अब तक 3.40 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना टीके का दोनों डोज लग चुका है। कोरोना टीके का दोनों डोज लगने के बाद महामारी से बचाव होने की बात कही जा रही है। लेकिन दोनों खुराक लेने के बाद क्या ये लोग पहले की तरह घूम-फिर सकते हैं, क्या कार्यालय जा सकते हैं, या पारिवारिक समारोहों एवं पार्टियों में शिरकत कर सकते हैं, इन सवालों पर विशेषज्ञों की अलग राय है।
आबादी के एक बड़े हिस्से का टीकाकरण जरूरी
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ डॉ. नितिन शिंदे का कहना है, 'वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसियों की सलाह है कि ऐसे लोग जिन्हें पूरी तरही से टीका लग चुका है अथवा ऐसे लोग जो कोरोना से पूरी तरह उबर चुके हैं, उन्हें बाहर निकलने और सामान्य गतिविधि करने की अनुमति मिलनी चाहिए। यह चीज अभी भारत में होनी है। इसके लिए आबादी के एक बड़े हिस्से का टीकाकरण जरूरी है।'
अमेरिका में बाहर निकलने, मास्क उतारने की इजाजत
हालांकि, भारत में अभी तक जितने लोगों को टीका लग चुका है उसकी संख्या कई देशों की जनसंख्या से ज्यादा है। फिर भी यह कुल आबादी का अभी 2.5 प्रतिशत है। जहां तक महाराष्ट्र की बात है तो टीकाकरण में यह राज्य अग्रणी बना हुआ है। अग्रणी होने के बावजूद यहां आबादी के 1.72 प्रतिशत हिस्से को ही टीके को दूसरा डोज लग पाया है। अमेरिका में टीका लगने के बाद लोगों को बाहर निकलने और मास्क उतारने की इजाजत दी गई है। शिंदे का कहना है कि इस स्थिति के लिए भारत में आबादी के कम से कम 35 प्रतिशत हिस्से को पूरी तरह से टीका लगाना होगा।
भारत में 35 प्रतिशत हिस्से को टीका लगना जरूरी
डॉक्टर ने आगे कहा, 'भारत में हम टीके का दो डोज लगा रहे हैं और इसकी सुरक्षा 80 प्रतिशत तक है। अमेरिका में मॉडर्ना के टीके 90 प्रतिशत से ज्यादा सुरक्षा दे रहे हैं। जब हम अपनी जनसंख्या के 35 प्रतिशत हिस्से को सुरक्षित कर लेंगे और कम से कम 10 प्रतिशत लोग एंटीबॉडीज के चलते उबर जाएंगे तो हम भी टीका लगे हुए लोगों को बिना प्रतिबंधों के घूमने-फिरने की इजाजत दे सकते हैं।'
दोनों डोज ले चुके लोग काम कर सकते हैं
इंडियन चेस्ट सोसायटी के राष्ट्रीय सचिव एवं पुलमोनोजोस्टि डॉक्टर राजेश स्वर्णांकर का कहना है कि टीके का दो डोज लेने के चार सप्ताह बाद कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित होने का खतरा करीब-करीब शून्य है। उन्होंने कहा, 'कार्यालय टीका लग चुके हुए लोगों को काम के लिए बुला सकते हैं लेकिन कार्यस्थल पर उनसे कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराना होगा।' डॉक्टर राजेश ने बताया कि उन्होंने करीब 76 स्वास्थ्यकर्मियों को उपचार के बाद ठीक किया है। इनमें उनके स्टॉफ के डॉक्टर एवं स्वास्थ्यकर्मी हैं। वैक्सीन लगने के बाद इन्हें ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी।
उन्होंने कहा, 'इन चिकित्साकर्मियों को एक-दो दिन बुखार और खांसी रहा। इसके बाद वे ठीक हो गए। ऐसा टीके की वजह से है। सभी डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। साथ ही हम सभी तरह की सावधानियां भी बरत रहे हैं।'
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