क्या झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की कुर्सी खतरे में है, जानें- वजह

क्या झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की कुर्सी खतर में है, दरअसल चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा है कि खदान पट्टा के संबंध में उनके खिलाफ एक्शन क्यों ना लिया जाए।

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क्या झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की कुर्सी खतरे में है, जानें- वजह 
मुख्य बातें
  • खदान लीज मामले में हेमंत सोरन के खिलाफ नोटिस
  • चुनाव आयोग ने नोटिस भेज मांगा जवाब
  • जनप्रतिनिधित्व के अधिनियम 9 ए का दिया हवाला

क्या झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की कुर्सी पर बड़ा संकट है। क्या वो अब कुछ महीनों तक ही सीएम रहेंगे। क्या उनके खिलाफ चुनाव आयोग बड़ी कार्रवाई करेगा। दरअसल यह सब सवाल झारखंड के राजनीतिक गलियारों में चर्चा में हैं।  चुनाव आयोग ने पूछा है कि खुद के  पक्ष में खदान का पट्टा जारी करने के लिए कार्रवाई क्यों ना की जाए। पहली नजर में यह लोक जनप्रतिनिधित्‍व अधिनियम की धारा 9 ए का उल्लंघन है। बता दें कि धारा 9 ए सरकारी अनुबंधों के लिए किसी सदन से अयोग्यता से संबंधित है। 

खदान लीज का है मामला
बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग हेमंत सोरेन को अयोग्‍य ठहरा सकती है। अगक ऐसा होती है कि तो उनकी  उनकी विधानसभा की सदस्‍यता समाप्त हो जाएगी। पूर्व मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने इस मामले को उठाया है। रघुवर दास ने राज्‍यपाल रमेश बैस को जानकारी दी थी कि हेमंत सोरेन ने खुद के नाम पर खदान लीज लिया और उस संबंध में उन्होंने दस्तावेज भी पेश किए हैं। राज्यपाल ने पूरे मामले की जांच के लिए चुनाव आयोग को दस्‍तावेज भेजा है। भारत निर्वाचन आयोग ने दस्‍तावेज की सत्‍यता प्रमाणित करने लिए राज्‍य के मुख्‍य सचिव से रिपोर्ट मांगी थी। 

धारा 9 ए का दिया गया है हवाला
झारखंड के राज्‍यपाल  ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ लाभ के दोहरे पद के मामले में कार्रवाई के पर्याप्‍त आधार होने की जानकारी दी थी।  चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन से अपना पक्ष रखने को कहा है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि जनप्रतिनिधत्‍व अधिनियम की धारा 9 ए के तहत क्यों ना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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