दिल्ली: प्रोफेट मोहम्मद पर टिप्पणी करने वाली बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा पर मुस्लिम संगठन जमात उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना सुहैब कासमी ने उनके माफी मांगने के बाद माफ कर देने की बात कही है। दिल्ली में इस मामले पर देशभर में हुई हिंसा के खिलाफ बोलते हुए मौलाना सुहैब कासमी ने कहा इस्लाम का तकाजा है कि उन्हें माफी दे देनी चाहिए, अगर नबी होते तो वह माफ कर देते जैसा कि उन्होंने पहले भी किया है। कासमी कहते हैं कि माफ करने के लिए बड़ा दिल होना चाहिए। इसके साथ ही इनका कहना है कि इस्लाम के बारे में जानकारी ना होने के कारण कई बार गैर जरूरी बयान दिए जाते हैं।
जमात उलमा ए हिंद का यह मानना है कि असदुद्दीन ओवैसी और मोहम्मद मदनी जैसे लोग इस पूरे मामले में आम मुसलमान को भड़काने का काम कर रहे हैं। जिससे उनकी धार्मिक दुकान चलती रहे। सुहैब कासमी का आरोप है कि घटना के 15 दिन जिस तरीके से 10 जून को देशभर में एक ही पैटर्न पर हिंसा हुई। इससे साफ हैं कि इस मामले में साजिश के तहत जानबूझकर कर हिंसा फैलाई गई हैं।
जमात उलमा हिंद इस मामले में देशभर के एक हजार मौलानाओं की मदद से इन नेताओं के खिलाफ फतवा जारी करवाएंगे। जमात से जुड़े अजमेर शरीफ के मौलाना कारी जलील चिश्ती का कहना है कि कोई भी जमात देश के 20 करोड़ लोगों की नहीं बल्कि पूरे देश के 130 करोड़ लोगों की बात करते हैं। जमाअत उलेमा ए हिंद असदुद्दीन ओवैसी और मदनी सहित लोगों को भड़काने और हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ जल्द ही फतवा जारी करने वाला है और इसके लिए 100 से अधिक देशभर के मौलानाओं के हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं। इनका आरोप है कि ये दूसरे को तो भड़काते हैं और का खामियाजा उन्हें युवकों को भुगतना पड़ता है जो हिंसा करते हुए पकड़े जाते हैं। आरोप है कि इस सरकार के आने के बाद इनकी कमाई बंद हो गई है इसीलिए वे इस तरह की कार्रवाई कर रहे हैं। इन्होंने दंगा भड़काने और हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई को भी सही बताया।
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