नई दिल्ली: तमिलनाडु हेलीकॉप्टर में जिंदा बचे एकमात्र शख्स ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) की एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। वरुण सिंह ने यह चिट्ठी अपने स्कूल के प्रिंसिपल को तब लिखी थी जब उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा गया था। हरियाणा के चंडीमंदिर में स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य को लिखे पत्र में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने छात्रों से कहा था कि 'औसत दर्जे का होना ठीक होता है।'
जिस हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 13 जाबांजों की जान गईं, कैप्टन सिंह उसी हेलीकॉप्टर को उड़ा रहे थे। स्कूल के प्रधानाचार्य को लिखे पत्र में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने कहा, 'औसत दर्जे का होना ठीक बात है। स्कूल में हर कोई उत्कृष्ट नहीं होता और सभी 90 प्रतिशत अंक नहीं ला पाते। अगर आप ऐसा कर पाते हैं तो यह एक उपलब्धि है उसकी सराहना होनी चाहिए।'
इस प्रेरक पत्र में कैप्टन वरुण सिंह ने आगे लिखा, 'लेकिन आप ऐसा नहीं कर पाते तो यह मत सोचिये कि आप औसत दर्जे का होने के लिए बने हैं। आप स्कूल में औसत दर्जे के हो सकते हैं लेकिन इसका कतई मतलब नहीं है कि जीवन में आने वाली चीजें भी ऐसी ही होंगी..... अपने मन की आवाज सुनिए। यह कला हो सकती है, संगीत हो सकता है, ग्राफिक डिजाइन, साहित्य इत्यादि। आप जो भी काम कीजिये उसके प्रति समर्पित रहिये, अपना सर्वोत्तम दीजिये। कभी यह सोचकर बिस्तर पर सोने मत जाइये कि आपने कम प्रयास किया और भी कर सकता था।'
पत्र में उन्होंने आगे लिखा, 'राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में एक कैडेट के रूप में मैंने पढ़ाई या खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन नहीं किया। जब मैं एएफए पहुंचा तो मुझे एहसास हुआ कि विमानों कि विमानों के प्रति मेरा जो जुनून है उसकी वजह से मैं अपने साथियों से कहीं आगे हूं लेकिन बावजूद इसके मुझे अपनी क्षमताओं पर भरोसा नहीं था।' उन्होंने खुद को मिले शौर्य चक्र का श्रेय स्कूल को देते हुए कहा कि यह शिक्षकों और साथियों द्वारा संवारने की वजह वह आज इस अवॉर्ड को पाने के हकदार हुए हैं।
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