नई दिल्ली: जहांगीरपुरी हिंसा और उसके बाद चले बुलडोजर को लेकर जामा मस्जिद के शाही इमाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर मुलाकात का समय मांगेंगे। अलविदा जुमे की नमाज के दौरान अहमद बुखारी ने लोगों को संबोधित किया और सांप्रदायिक हिंसा पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, 'जिस दरवाजे से नफरत और सांप्रदायिक तनाव की हवाएं प्रवेश कर रही हैं, उसे अभी प्रधानमंत्री और गृह मंत्री बंद कर सकते हैं। देश के मौजूदा हालात को देखते हुए मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि इस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।'
इस दौरान इमाम बुखारी ने जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाए जाने का भी विरोध किया। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के ‘अतिक्रमण विरोधी अभियान’ का जिक्र कर बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए इमाम बुखारी ने कहा कि जहांगीरपुरी में जो बुलडोजर चला क्या वो सही था? हनुमान जयंती के दौरान हुई घटना का जिक्र करते हुए बुखारी ने कहा कि पहले भी जुलूस निकलते थे लेकिन ऐसी हिंसा नहीं होती थी। उन्होंने कहा, 'सरकार तय करेगी कि कौन दोषी है। निष्पक्ष जांच होने पर सच्चाई सामने आ जाएगी। लेकिन क्या यह उचित है कि किसी के घरों और दुकानों को ध्वस्त कर दिया जाए और उन्हें सड़कों पर छोड़ दिया जाए।'
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इस दौरान इमाम बुखारी ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि जब उत्तर प्रदेश में बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया तो वे 'चुप' रहे। बुखारी ने कहा ''धर्मनिरपेक्ष'' पार्टियों पर निशाना साधते हुए दावा किया कि उत्तर प्रदेश में 96 प्रतिशत मुसलमानों ने समाजवादी पार्टी को वोट दिया था। बुखारी ने कहा, 'क्या जहांगीरपुरी में बुलडोजर का इस्तेमाल करना सही था? जिन लोगों के घर और दुकानें नष्ट हो गईं, उनमें हिंदू और मुस्लिम भी शामिल थे, वे रो रहे थे... कई ऐसे थे जिनके पास दस्तावेज थे लेकिन वे उन्हें नहीं दिखा सके और उनके घर नष्ट हो गए।
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