नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून( सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों पर 15 दिसंबर को दिल्ली पुलिस ने हमला बोल दिया था। दिल्ली पुलिस पर आरोप लगे थे कि उसने लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों पर अचानक करके बुरी तरह पिटाई कर दी थी। दिल्ली पुलिस ने इस घटना के बाद दावा किया था कि उपद्रवियों का पीछा करते हुए पुलिस लाइब्रेरी के अंदर पहुंची थी और उन्होंने पढ़ाई कर रहे छात्रों को शिकार नहीं बनाया था लेकिन इस घटना के 60 दिन बाद सामने आए वीडियो ने पुलिस के दावे की पोल पूरी तरह खुल गई है।
बताया जा रहा है कि ये वीडियो जामिया कॉर्डिनेशन कमिटी द्वारा जारी किया गया है। जिसमें साफ तौर पर दिख रहा है कि छात्र लाइब्रेरी में शांति के साथ पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में अचानक से दिल्ली पुलिस के जवान वर्दी में हेलमेट पहनकर पुरानी लाइब्रेरी में पहुंचते हैं और अचानक वहां पढ़ाई कर रहे छात्रों की पिटाई शुरू कर देते हैं। इसके बाद वहां भगदड़ मच जाती है। दिल्ली पुलिस के जवान छात्रों को निशाना बना और छात्र लाठी से बचने के लिए भाग रहे हैं।
दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई के दौरान कई छात्र छात्राएं घायल हो गए थे। एक छात्र को तो अपनी आंख भी गंवानी पड़ गई थी। ऐसे में दो महीने बाद सामने आए इस वीडियो ने पुलिस के दावों की पोल खोलकर रख दी है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को देखने के बाद अब दिल्ली पुलिस ने कहा कि है वो इसकी जांच करा रहे हैं।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर( क्राइम) प्रवीर रंजन ने नए सीसीटीवी फुटेज के बारे में कहा, हमने हाल ही में सामने आए 15 दिसंबर के सीसीटीवी वीडियो को संज्ञान में लिया है जो कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी का है। हम उसकी जांच करेंगे।
बगैर अनुमित कॉलेज कैंपस में घुसकर छात्र छात्राओं की पिटाई करने के खिलाफ जामिया प्रशासन ने शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस वीडियो के सामने आने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन से दिल्ली पुलिस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।