जम्मू और कश्मीर में पकड़े गए लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों को लेकर वहां की बीजेपी इकाई के प्रमुख रवींद्र रैना ने बड़ा दावा किया है। मंगलवार (पांच जुलाई, 2022) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने बताया कि बीजेपी का दफ्तर आतंकियों के निशाने पर था और उन्होंने इसके लिए रेकी तक कर ली थी।
रैना के मुताबिक, "लश्कर का आतंकी तालिब हुसैन शाह और उसका साथी फयाज अहमद लगातार पत्रकार के रूप में बीजेपी कार्यालय में आते थे। वे पार्टी दफ्तरों में होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंसों में और यहां तक कि रैलियों में रिपोर्टर बनकर शामिल हो जाया करते थे।"
उन्होंने आगे बताया- जिस दिन इन आतंकियों को जिला रियासी में लोगों ने धर दबोचा और पुलिस के हवाले किया तो दोनों के पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ।
बकौल जम्मू कश्मीर बीजेपी चीफ, "तालिब के मोबाइल फोन से जो फोटो और वीडियो मिले हैं, वे बेहद हैरान-परेशान करने वाले हैं। ऐसा लगता है कि तालिब ने जम्मू और कश्मीर बीजेपी मुख्यालय की रेकी भी की थी। वे सारे फोटो और वीडियो उसने एलओसी के पार (पाक अधिकृत कश्मीर में) लश्कर के सरगना को भेजे। यहां के जो फोटो उसने और अन्य साथियों ने लिए थे, वे भी वहां पहुंचाए। यह बेहद गंभीर मामला है।"
उधर, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे मुद्दा बनाने की कोशिश की। सोमवार को उन्होंने रैना के साथ एक व्यक्ति का फोटो साझा करते हुए मामले की गहन जांच की मांग उठाई।
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यादव ने ट्वीट किया, "जम्मू कश्मीर में गांव वालों ने लश्कर के जिन दो आतंकवादियों को पकड़ा है, उनमें से एक का संबंध लंबे समय तक भाजपा आईटी सेल से होने की बात भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष ने खुद स्वीकारी है। उस आतंकवादी ने दो महीने पहले ही भाजपा छोड़ी थी। इस मामले की गहन-गंभीर जांच हो!"
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