नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर का डीडीसी यानि जिला विकास परिषद (District Development Council) का चुनाव पहली बार हुआ है जो 28 नवंबर से 19 दिसंबर तक 8 चरणों में हुआ। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में 20 जिलें हैं और हर जिले में 14 सदस्यों का चुनाव हुआ। डीडीसी की कुल सीटें 280 है साथ ही जिले में चुने हुए 14 सदस्यों में से ही एक डीडीसी चेयरमैन और डीडीसी वाइस चेयरमैन का चुनाव होगा और वही डीडीसी तय करेगा जिला का विकास।
370 हटने के बाद हुए चुनाव
इससे पहले ग्राम पंचायत और ब्लॉक विकास परिषद का चुनाव हुआ करता था और डीडीसी का प्रावधान नहीं था बल्कि उसकी जगह डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग एंड डेवलपमेंट बोर्ड्स हुआ करता था जिसका चुनाव नहीं होता था। वही तय करता था कि जिले का विकास कैसे होगा और क्या होगा। लेकिन 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दी गई और उसके बाद भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पंचायती राज कानून 1989 में संशोधन करते हुए डी डी सी की स्थापना के प्रावधान को भी शामिल कर दिया इसीलिए अब जम्मू-कश्मीर में भी 3 स्तरीय पंचायती चुनाव हुआ है और आगे भी होगा। दूसरे शब्दों में अब डीडीसी जिला के विकास का एजेंडा तय करेगा, सरकारी पैसों को कैसे खर्चा किया जाए और किस किस चीज पर किया जाए ये सारे निर्णय डीडीसी ही लेगा।
जम्मू कश्मीर के डीडीसी रिजल्ट का मैसेज क्या है? इस सवाल को समझने के लिए 5 सवालों को समझना जरूरी है।
पहला सवाल, जम्मू कश्मीर डीडीसी चुनाव का रिजल्ट क्या है?
जम्मू कश्मीर डीडीसी रिजल्ट 2020
पार्टी | सीट |
बीजेपी | 75 |
एनसी | 67 |
निर्दलीय | 50 |
पी़डीपी | 27 |
कांग्रेस | 26 |
जेकेएपी | 12 |
सीपीईएम | 05 |
जेकेपीएम | 03 |
जेकेएनपीपी | 02 |
पीडीएफ | 02 |
बीएसपी | 01 |
कुल | 178 |
यदि गुपकार गठबंधन के रूप में देखें तो स्थिति इस प्रकार बनती है :
जम्मू कश्मीर डीडीसी रिजल्ट 2020
गुपकार | 110 |
बीजेपी | 75 |
निर्दलीय | 50 |
कांग्रेस | 26 |
जेएनकेपीपी | 02 |
बीएसपी | 01 |
जेएनकेएपी | 12 |
घोषित | 278/278 |
जम्मू कश्मीर डीडीसी रिजल्ट 2020
पार्टी | वोट प्रतिशत |
बीजेपी | 28.0 |
एनसी | 26.3 |
पीडीपी | 20.6 |
कांग्रेस | 20.6 |
जम्मू कश्मीर डीडीसी रिजल्ट 2020: वोट %
पार्टी | जम्मू | कश्मीर |
बीजेपी | 37.3 | 4.2 |
एनसी | 23.0 | 27.8 |
पीडीपी | 12. 6 | 27. 8 |
कांग्रेस | 21. 2 | 17. 9 |
दूसरा सवाल, रिजल्ट कहता क्या है? यानि रिजल्ट का मैसेज क्या है?
नंबर एक, जम्मू कश्मीर में बीजेपी 75 सीटों के साथ नंबर 1 पार्टी बन गयी है। यानि जम्मू डिवीजन में बीजेपी को 140 में से 71 सीटें मिली हैं और कश्मीर डिवीजन में पहली 4 सीटों के साथ बीजेपी ने अपना खाता खोला है जो अपने आप में एक इतिहास बना है।
नंबर दो, वैसे 67 सीटों के साथ नेशनल कांफ्रेंस दूसरे नंबर पर है।
नंबर तीन, तीसरे नंबर पर ना ही पीडीपी है (27) ना ही कांग्रेस (26 ) बल्कि तीसरे नंबर पर है निर्दलीय जिनकी संख्या है 50।
नंबर चार, गुपकार 6 पार्टियों का गठबंधन जिसे अब तक 110 सीटें मिली हैं नंबर के हिसाब से सबसे ऊपर यही है।
नंबर पांच, जम्मू डिवीजन के 10 जिलों में से बीजेपी की जीत हुई है 6 जिलों में, ये जिले हैं- डोडा, उधमपुर, कठुआ, जम्मू, रियासी एवं साम्बा और 3 जिलों में गुपकार आगे है वो जिले हैं- राजौरी, रामबन एवं किश्तबार और बचा 1 जिला पूंछ जहां किसी को बहुमत नहीं है। वैसे ये 4 जिले गुपकार के पक्ष में जाने की पूरी संभावना है।
यानि जम्मू डिवीजन बीजेपी 6 और गुपकार 4। नंबर छः, श्रीनगर डिवीजन के 9 जिलों में गुपकार गठबंधन की स्पष्ट जीत हुई है। ये जिले हैं- कुपवाड़ा, बारामुला, पुलवामा, अनंतनाग, बांदीपुरा, गांदरबल, शोपियां, बड़गांव एवं कुलगाम और 1 जिला श्रीनगर में किसी को बहुमत नहीं है। कुल मिलाकर 20 जिलों में से 13 जिले गुपकार और 6 जिले बीजेपी और 1 जिले में किसी को बहुमत नहीं।
तीसरा सवाल, जम्मू कश्मीर डीडीसी चुनाव में मतदाताताओं की भागीदारी का मैसेज क्या कहता है?
इस सवाल को जानने के लिए आठों फेज का टर्न आउट देखते हैं :
जम्मू कश्मीर डीडीसी चुनाव 2020: पोल टर्न आउट
फेज टर्न आउट(%) जम्मू टर्न आउट(%) कश्मीर टर्न आउट(%)
1 51.76 64.2 40.65
2 48.62 65.54 33.34
3 50.53 68.88 31.61
4 50.08 69.31 31.95
5 51.20 66.00 33.57
6 51.05 68.5 32.5
7 57.22 71.93 39.52
8 50.98 72.71 29.91
एवरेज 51.42 68.38 30.39
कुल मिलाकर जम्मू कश्मीर के 51 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया और डिवीजन के हिसाब से देखें तो जम्मू में 68.38 फीसदी और कश्मीर में 30.39 लोगों ने वोट डाला। इसका मतलब साफ है कि आम लोग लोकतंत्र में भरोसा रखते हैं लोकतांत्रिक तरीके से ही अपने राज्य का विकास करना चाहते हैं।
चौथा सवाल, डीडीसी चुनाव से फर्क क्या पड़ेगा?
डीडीसी का सीधा सीधा प्रभाव जमीनी स्तर पर होगा। स्थानीय नेता मिलकर कठिन से कठिन मुद्दों को सुलझाएंगे। फाइनेंसियल पावर डीडीसी को होगा यानि सरकारी पैसे कहां खर्च होंगे ये फैसला डीडीसी करेगी ना कि सरकारी अफसरान। आम जनता और चुने हुए प्रतिनिधियों के बीच आपसी तालमेल बेहतर होगा। चुने हुए प्रतिनिधि मतदाताओं के नजदीक होने की वजह से करप्शन का मामला भी घट सकता है और इससे एकाउंटेबिलिटी बढ़ेगी। सबसे महत्वपूर्ण बात जमीनी स्तर पर एक युवा नेतृत्व पनपेगा वो युवा नेतृत्व भारत और जम्मू कश्मीर के लोकतंत्र को मजबूत करेगा और साथ ही नया लीडरशिप देगा।
पांचवां और आखिरी सवाल, जीत किसकी हुई? और हार किसकी हुई?
जीत जम्मू कश्मीर की जनता की हुई है। जनता की एक ही उम्मीद है कि ये चुनाव उनको विकास का रास्ता दिखायेगा। जीत भारत के लोकतंत्र की हुई है। हार उनकी हुई है जो लोकतंत्र में भरोसा नहीं रखते। हार उनकी हुई है जो चुनाव नहीं होने देना चाहते थे। आखिरी वाक्य इन चुनावी प्रयासों की सफलता एक ही बात पर निर्भर करती है और वो है आम जम्मू कश्मीर की जनता को लगना चाहिए कि डीडीसी चुनाव की वजह से ही सारे विकास कार्य हो रहे हैं।
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