नई दिल्ली:हिज्बुल मुजाहिदीन का टॉप कमांडर रियाज नाइकू सुरक्षाबलों के हाथों मारा गया है, जाकिर मूसा के मारे जाने के बाद रियाज घाटी में आतंक का एक बड़ा चेहरा बन गया था उसको मारकर सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की कमर तोड़ दी है। जाकिर मूसा के मारे जाने के बाद रियाज घाटी में आतंक का एक बड़ा चेहरा बन गया था।
मूसा के मारे जाने के बाद रियाज ने घाटी में मारे गए आतंकियों के सम्मान में दक्षिण कश्मीर में गन सैल्यूट की परंपरा शुरू की थी। माना जा रहा है कि रियाज के खात्म के साथ ही जम्मू-कश्मीर में अब हिज्बुल का कोई कमांडर नहीं बचा है।
उसकी मौत पर राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने बड़ी बात कही है। उमर ने कहा है कि रियाज नाइकू की नियति उसी क्षण तय हो गई जब उसने बंदूक उठाई और हिंसा और आतंक का रास्ता अपनाया।
पुलवामा के बेघपोरा में चार घंटे तक चले ऑपरेशन में आतंक का पर्याय बन चुका रियाज मारा गया। यह अहम अभियान सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस ने चलाया। यही नहीं अवंतीपोरा के शारशाली ख्रिउ इलाके में कम से कम दो और आतंकवादी सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए हैं।
नाइकू के सिर पर था 12 लाख रुपए का इनाम
रियाज के खात्म का ऑपरेशन समाप्त होने से पहले जम्मू कश्मीर पुलिस ने सुरक्षा बलों को अपने आवागमन की सभी गतिविधियां तत्काल रोकने के निर्देश दिए। पुलिस ने कहा कि सेना और सीआरपीएफ के वाहनों को दुर्गम इलाकों में जाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। साथ ही उनके अंतर जिला एवं जिले में आवागमन पर रोक लगाई जाए।
नाइकू के सिर पर 12 लाख रुपए का इनाम घोषित था। सूत्रों की मानें तो जाकिर मूसा का उत्तराधिकारी यह दुर्दांत आतंकवादी जवानों की हत्या एवं सुरक्षाबलों पर हमले की योजनाओं में शामिल था, सुरक्षाबलों ने गत मई में मूसा को ढेर किया।
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