श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में आतंकियों के पनाहगारों के खिलाफ भी सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस अब उन लोगों की सपंत्ति जब्त करेगी जो आतंकियों को आश्रय देते हैं। खुद राज्य पुलिस ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। पुलिस ने बताया कि यूएपीए के तहत आतंकवाद के उद्देश्य से इस्तेमाल की गईं संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने चेतावनी देते हुए कहा कि आतंकवादियों या उनके सहयोगियों को पनाह देने वाले लोगों की संपत्तियों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत कुर्क कर लिया जाएगा। श्रीनगर पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'आतंकवाद के उद्देश्य से इस्तेमाल की गईं कुछ अचल संपत्तियों को यूएलपी (यूएपीए) अधिनियम की धारा 2 (जी) और 25 के तहत कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आतंकवादियों/आतंकवादियों के सहयोगियों को आश्रय या पनाह न दें। कानून के तहत संपत्ति कुर्क कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।'
गुरुवार को ही जम्मू और कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा था कि केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादियों की संख्या घट रही है लेकिन हिंसा का अंत तबतक नहीं होगा जबतक युवाओं के पास बंदूर और हथगोला होगा। उन्होंने आतंकवाद का रास्ता चुन चुके युवाओं से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर देश की मुख्यधारा में शामिल हो। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों द्वारा हत्याएं निंदनीय हैं और ऐसे कृत्यों को रोकने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पिछले 30 साल से हिंसा और विध्वंस देख रहा है और इसमें हजारों लोगों की जान गई है।
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